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भितरघात करने वालों की होगी जांच, रिपोर्ट पर होगी सख्त कार्रवाई

10:10 AM Jun 12, 2024 IST
भितरघात करने वालों की होगी जांच  रिपोर्ट पर होगी सख्त कार्रवाई
चंडीगढ़ में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवनिर्वाचित सांसदों के साथ हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान। -ट्रिब्यून फोटो
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 11 जून
हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस ने अब विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है। लोकसभा चुनावों में 10 सीटों में से 5 पर जीत हासिल करने के बाद कांग्रेसियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। पार्टी के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ भितरघात की शिकायतें भी आई हैं। पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान का कहना है कि इस तरह की सभी शिकायतों की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के बाद भितरघात करने वालों पर कार्रवाई भी होगी।
मंगलवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताने के लिए जिलावार कार्यकर्ता सम्मेलन करने का फैसला लिया है। 11 दिनों में सभी 22 जिलों के कार्यकर्ता सम्मेलन का कार्यक्रम पार्टी ने घोषित कर दिया है। 16 जून से कार्यकर्ता सम्मेलनों की शुरूआत होगी और 14 जुलाई तक ये पूरे होंगे। 15 जुलाई के बाद विधानसभा हलकावार कार्यक्रम होंगे। 16 जून को सुबह 11 बजे करनाल और दोपहर बाद तीन बजे कुरुक्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन होगा। 21 जून को सुबह सोनीपत और दोपहर बाद पानीपत, 22 जून को सुबह जींद और शाम को कैथल, 23 जून को सुबह अंबाला, दोपहर दो बजे यमुनानगर और शाम चार बजे पंचकूला जिला का कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। इसके बाद 28 जून को सुबह फरीदाबाद और शाम को पलवल, 29 जून को सुबह चरखी दादरी और दोपहर बाद भिवानी, 30 जून को सुबह नारनौल और शाम को रेवाड़ी जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। 7 जुलाई को सुबह नूंह और शाम को गुरुग्राम में कार्यकर्ता सम्मेलन का फैसला पार्टी ने लिया है।
इसी तरह से 12 जुलाई को सुबह 11 बजे सिरसा और दोपहर बाद तीन बजे फतेहाबाद, 13 जुलाई को सुबह 11 बजे हिसार तथा 14 जुलाई को सुबह 11 बजे रोहतक और शाम को झज्जर में कार्यकर्ता सम्मेलन होगा।
यहां बता दें कि भाजपा ने अंबाला, सोनीपत, रोहतक, सिरसा व हिसार पार्लियामेंट सीट पर जीत हासिल की है। भिवानी-महेंद्रगढ़, गुरुग्राम व कुरुक्षेत्र में ‘इंडिया’ गठबंधन प्रत्याशी थोड़े मतों से चुनाव हारे हैं। करनाल और फरीदाबाद के उम्मीदवारों ने भी भाजपा को कड़ी टक्कर दी।
लोकसभा चुनावों के दौरान भिरतघात से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि जिस भी प्रत्याशी की ओर से शिकायत आएगी, उसकी जांच करवाई जाएगी। पूर्व सीएम ने कहा कि भितरघात की शिकायतें कांग्रेस से ज्यादा इस बार भाजपा में आई हैं। यहां बता दें कि भिवानी-महेंद्रगढ़ से प्रत्याशी रहे राव दान सिंह ने उनके साथ कांग्रेसियों द्वारा ही धोखा किए जाने के आरोप लगाए हैं। हिसार से चुनाव जीतने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ भी इसी तरह के आरोप स्थानीय नेताओं पर लगा चुके हैं।

हुड्डा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि विधानसभा चुनावों में केवल जिताऊ चेहरों को ही टिकट मिलेगा। पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलनों के बाद हलकावार भी आयोजन करेगी। माना जा रहा है कि इन कार्यक्रमों के दौरान ही विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के लिए भी सर्वे होगा। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में टिकट आवंटन भी सर्वे के आधार पर किया था। सर्व के बेस पर टिकट देने का फायदा यह हुआ कि कांग्रेस सभी दस सीटों पर कांटे की टक्कर में खड़ी नज़र आई।

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लोकसभा में हॉफ, विधानसभा में साफ

आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा तीसरी बार सरकार बनाए जाने का दावा किया जा रहा है। भाजपा के दावे पर पूर्व सीएम ने कहा – लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा हरियाणा में हॉफ पर रह गई और विधानसभा में साफ हो जाएगी। यहां बता दें कि लोकसभा की दस सीटों में से भाजपा व कांग्रेस ने पांच-पांच सीटों पर जीत हासिल की है। हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के लोग भाजपा के दस वर्षों के राज से पूरी तरह से तंग आ चुके हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि हरियाणा के लोग अब बदलाव चाहते हैं।

राज्यपाल को फिर जाएगी चिट्ठी

पूर्व मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि हरियाणा की मौजूदा सरकार पूरी तरह से अल्पमत में है और सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले भी राज्यपाल को पत्र लिखा था। अब नये सिरे से पत्र लिखकर विधानसभा को भंग करने की मांग की जाएगी। पत्र पर विधायकों के हस्ताक्षर नहीं होने से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा, ‘मैंने खुद पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। जब नेता प्रतिपक्ष की ओर से साइन कर दिए जाते हैं तो विधायकों के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है।’

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