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चुनावी हिंसा के दाग से मुक्त रहा इस बार जींद

10:37 AM May 27, 2024 IST
चुनावी हिंसा के दाग से मुक्त रहा इस बार जींद
डीसी मोहम्मद इमरान रजा
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 26 मई
लगभग हर चुनाव में चुनावी हिंसा से दागदार होता आया जींद जिले का दामन शनिवार को हुए लोकसभा चुनाव में हिंसा के दागों से पूरी तरह अछूता रहा। जींद के दामन को इस बार चुनावी हिंसा से दागदार नहीं होने देने के लिए जींद के जिलाधीश मोहम्मद इमरान रजा ने जो माइक्रो प्लानिंग की थी, वह सफल रही।
गौरतलब है कि जींद जिले में चुनावी हिंसा की शुरुआत 1989 के लोकसभा चुनाव से हुई थी। 1989 के लोकसभा चुनाव में हिसार से कांग्रेस के बीरेंद्र सिंह और चौधरी देवीलाल के जनता दल के जयप्रकाश उर्फ जेपी के बीच कड़ा मुकाबला था। जनता दल के जयप्रकाश उर्फ जेपी ने कड़े मुकाबले में कांग्रेस के बीरेंद्र सिंह को पराजित किया था। 1989 के लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन जींद शहर में जमकर हिंसा हुई थी। कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी। मारपीट से लेकर फायरिंग तक की वारदात हुई थी। उसके बाद 1996 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जींद के नरवाना में जबरदस्त चुनावी हिंसा हुई थी, जिसमें सीआरपीएफ का एक कर्मचारी गोली लगने से घायल हो गया था।
उसके बाद सीआरपीएफ ने जबरदस्त लाठीचार्ज और फायरिंग की थी। तब नरवाना में हरियाणा विकास पार्टी के प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी और लोकदल के अजय चौटाला समर्थकों के बीच खूनी टकराव हुआ था। बाद में इस मामले में अजय चौटाला, डॉ केसी बांगड़ समेत कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद किया था। 2005 के विधानसभा चुनाव में नरवाना में तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला और कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला के समर्थकों के बीच भी जबरदस्त तनाव पैदा हुआ था। तब नरवाना में केंद्रीय बलों की विशेष रूप से तैनाती की गई थी।
2009 के विधानसभा चुनाव में जींद में हिंदू कन्या कॉलेज के मतदान केंद्र के बाहर तत्कालीन परिवहन मंत्री मांगेराम गुप्ता और इनेलो प्रत्याशी डॉ. हरिचंद मिड्ढा के समर्थक आपस में टकरा गए थे। यहां पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।
कुछ घरों में आग लगाने से लेकर तोड़फोड़ तक की वारदात हुई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में उचाना कलां के डूमरखा गांव में जजपा प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला और भाजपा प्रत्याशी प्रेमलता के समर्थकों के बीच बड़ा टकराव होते-होते रह गया था। मतदान केंद्र पर दुष्यंत चौटाला तब सैकड़ों लोगों की उग्र भीड़ से घिर गए थे। मौके पर समय रहते तत्कालीन डीसी डॉ आदित्य दहिया और एसपी अश्विन शेणवी ने पहुंचकर हालात संभाले थे। इससे पहले जनवरी 2019 में हुए जींद उप चुनाव के समय भी अर्जुन स्टेडियम के मतगणना केंद्र के बाहर चुनावी हिंसा हुई थी।

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