इस बार भी 5 और 10 तारीख को ही वेतन व पेंशन मिलने की उम्मीद
शिमला, 24 सितंबर (हप्र)
सितंबर महीना खत्म होने को अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार की वेतन और पेंशन की टेंशन फिर से बढ़ गई है। प्रदेश सरकार की अफसरशाही कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन के जुगाड़ में जुट गई है। हालांकि अभी तक सरकार को इस बात का अंदाजा नहीं है कि उसके खजाने में महीने के अंत तक कितनी राशि होगी। ऐसे में अफसरशाही पैसों के जमा जोड़ में लगी है ताकि महीना खत्म होने से पहले मुख्यमंत्री को राज्य की खजाने की स्थिति से अवगत करवाया जा सके और कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने की तारीख तय हो सके।
सूत्रों के अनुसार सुक्खू सरकार अक्तूबर में भी कर्मचारियों को जहां 5 तारीख को वेतन देगी वहीं पेंशनरों को पेंशन 10 या 11 तारीख को ही मिलने की संभावना है क्योंकि सरकार 3 करोड़ रुपए बचाने के फार्मूले पर अभी भी कायम है।
हिमाचल प्रदेश सरकार हर महीने पांच दिन के लिए 7.50 प्रतिशत ब्याज चुकाने के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च करती आ रही थी जबकि सरकार को हर महीने 5 तारीख को राजस्व घाटा अनुदान के तौर पर 520 करोड़ और 10 तारीख को केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के 740 करोड़ मिलते हैं। ऐसे में अनावश्यक तौर पर खर्च हो रहे तीन करोड़ बचाने का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि सितंबर का वेतन व पेंशन देने के संबंध में 25 तारीख के बाद चर्चा की जाएगी। वेतन और पेंशन भुगतान की तारीखों में फेरबदल के पीछे तर्क दिया गया था कि इससे सरकार ने ऋण के ब्याज के रूप में दिए जाने वाले तीन करोड़ रुपये की बचत की है। इस तरह की मासिक बचत से एक वित्त वर्ष के दौरान छत्तीस करोड़ की धनराशि का सदुपयोग होगा। वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार विदेश दौरे से लौट आए हैं और विभाग के अधिकारियों के साथ वेतन और पेंशन संबंधी विषय को लेकर बैठक करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि वह दो-तीन दिन के भीतर मुख्यमंत्री से इस संबंध में चर्चा करेंगे।