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कनाडा संघीय चुनाव में इस बार 65 पंजाबी आजमा रहे किस्मत

07:50 AM Apr 14, 2025 IST
कनाडा संघीय चुनाव में इस बार 65 पंजाबी आजमा रहे किस्मत
कमल खेरा, जगमीत सिंह, अनीता आनंद, बर्दिश छग्गर
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सुखमीत भसीन/ट्रिन्यू
बठिंडा, 13 अप्रैल
कनाडा जहां 28 अप्रैल को होने वाले अपने महत्वपूर्ण संघीय चुनावों की तैयारी में है, वहीं पंजाबी मूल के 65 उम्मीदवार राजनीति के मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जो देश के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में पंजाबी प्रवासियों के बढ़ते प्रभाव और उपस्थिति को दर्शाता है। ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और मैनिटोबा में फैले निर्वाचन क्षेत्रों के साथ, पंजाबी मूल के उम्मीदवार सभी प्रमुख संघीय दलों - लिबरल पार्टी, कंजर्वेटिव पार्टी, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) और ग्रीन पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ रहे हैं।
कनाडा की दक्षिण एशियाई आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने वाले पंजाबी राष्ट्रीय राजनीति में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका में आ रहे हैं। पहली बार चुनाव लड़ने वालों से लेकर अनुभवी उम्मीदवारों तक, इस चुनाव में उम्मीदवारों का एक विविध मिश्रण है - पेशेवर, सामुदायिक कार्यकर्ता, उद्यमी और शिक्षक - सभी हाउस ऑफ कॉमन्स में सीट के लिए होड़ कर  रहे हैं।
2021 में, 45 पंजाबी चुनाव मैदान में थे और उनमें से 17 हाउस ऑफ कॉमन्स में पहुंचे थे। 2019 में, 47 पंजाबी मैदान में थे और 22 ने चुनाव जीता। 16 मौजूदा सांसदों और कई सीटों पर पंजाबी-बनाम-पंजाबी मुकाबले के साथ, उनके रिश्तेदार घर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। हाई-प्रोफाइल नामों में स्वास्थ्य मंत्री और ब्रैम्पटन वेस्ट से मौजूदा सांसद कमल खेरा (लिबरल) फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्री अनीता आनंद ओकविला से फिर से चुनाव लड़ रही हैं। जबकि पूर्व मंत्री और मौजूदा वरिष्ठ सांसद बर्दिश छग्गर भी वाटरलू से फिर से मैदान में हैं। एनडीपी अध्यक्ष जगमीत सिंह बर्नबी सेंट्रल सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। लिबरल ने डोरुअल लाचिन लासेले से अंजू ढिल्लों, ब्रैम्पटन सेंटर से अमनदीप सोढी, ब्रैम्पटन ईस्ट से मनिंदर सिद्धू, ब्रैम्पटन नॉर्थ से रूबी सहोता, ब्रैम्पटन साउथ से सोनिया सिद्धू, विन्निपेग सेंटर से राहुल वालिया, एडमोंटन साउथईस्ट से अमरजीत सिंह सोही, कैलगरी मैकनाइट से जॉर्ज चहल, फ्लीटवुड पोर्ट केल्स से गुरबक्स सैनी, रिचमंड ईस्ट स्टीवटन से परम बैंस, सरे सेंटर से रणदीप सराय, सरे न्यूटन से सुख धालीवाल, वैंकूवर किंग्सवे से अनुज के गिल और मिसिसॉगा माल्टन से इकविंदर सिंह गहीर को मैदान में उतारा है। जबकि कंजर्वेटिवों ने स्कारबोरो नॉर्थ से गुरमीत संधू, ब्रैम्पटन सेंटर से तरण चहल, ब्रैम्पटन ईस्ट से बॉब दोसांझ सिंह, ब्रैम्पटन नॉर्थ से अमनदीप जज, ब्रैम्पटन साउथ से सुखदीप कंग, ब्रैम्पटन वेस्ट से अमरजीत गिल, मिसिसॉगा माल्टन से जसप्रीत संधू, मिल्टन ईस्ट हैल्टन से परम गिल, गुएल्फ से गुरवीर खैरा, ऑक्सफोर्ड से अर्पण खन्ना, विंडसर वेस्ट से हरब गिल, एडमोंटन गेटवे से टिम उप्पल, एडमोंटन साउथईस्ट से जगशरण सिंह महल, कैलगरी ईस्ट से जसराज हल्लन, कैलगरी मैकनाइट से दलविंदर गिल, कैलगरी स्काईव्यू से अमनप्रीत एस गिल, एबॉट्सफोर्ड साउथ लैंगली से सुखमन गिल, डेल्टा से जेसी सहोता, फ्लीटवुड पोर्टकिल्स से सुख पंधेर, सरी सेंटर से राजवीर ढिल्लों, सरे न्यूटन से हरजीत सिंह गिल और वैंकूवर फ्रेजररिवर से अवि नय्यर को मैदान में उतारा है। इनके अलावा, पंजाबी एनडीपी, ग्रीन पार्टी के टिकट पर और स्वतंत्र रूप से भी चुनाव लड़ रहे हैं। दिग्गजों के साथ-साथ कई नए चेहरे भी चुनावी मैदान में हैं।

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देश में पंजाबियों की मजबूत आवाज़

ब्रैम्पटन के सामुदायिक नेता गुरप्रीत सिंह ने कहा, ‘एक गौरवशाली पंजाबी कनाडाई के रूप में, मेरा मानना ​​है कि हमारे समुदाय की इस देश के भविष्य को आकार देने में एक मजबूत आवाज़ है। प्रत्येक संघीय चुनाव के साथ, हमारी भागीदारी बढ़ती है - न केवल मतदान में, बल्कि उम्मीदवार के रूप में खड़े होने, नीति को प्रभावित करने और समुदायों के बीच पुल बनाने में भी।’ सरे की युवा अधिवक्ता मनप्रीत कौर ने कहा, ‘पंजाबियों ने कनाडा के सांस्कृतिक और आर्थिक ढांचे में बहुत योगदान दिया है, और संघीय राजनीति में हमारी बढ़ती भागीदारी एक स्वाभाविक अगला कदम है।’

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