मेरी घर वापसी नहीं, यह है विचारधारा की वापसी : बीरेंद्र
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 9 अप्रैल
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह ने खुद की कांग्रेस में वापसी को लेकर कहा – यह घर वापसी ही नहीं विचारधारा की भी वापसी है। राहुल गांधी से खासे प्रभावित नज़र आए बीरेंद्र सिंह ने ज्वाइनिंग के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी व सोनिया गांधी तक का जिक्र किया। बीरेंद्र सिंह इस बात पर भी नाराज़ नजर आए कि अब सिद्धांतों की राजनीति नहीं होती है। राजनीतिक मर्यादाओं और मान्यताओं का हनन हो रहा है।
उन्होंने संविधान का भी मुद्दा उठाया और लोकतंत्र को लेकर भी अपनी बात रखी। साथ ही, बीरेंद्र सिंह ने देश के लोगों का आह्वान किया कि अब संविधान बचाने और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए लोगों को उठना होगा। प्रजातंत्र में जनता ही सबसे बड़ी हिटलर है। लोग अपनी वोट की चोट से सत्ता को बदलने का दम रखते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैंने हमेशा मान्यताओं को निभाया है। जब कांग्रेस में लौटने का मेरा मन बना तो मैंने सोचा – कांग्रेस में जाकर अपनी बात कह दूं। उस समय मेरा सबसे पहले जयराम रमेश से संपर्क हुआ। जयराम रमेश से जब इस बारे में चर्चा की तो उनके शब्द थे – आप (बीरेंद्र) बेशक विपक्ष में रहे। मतलब कांग्रेस के विपक्ष में, लेकिन आपकी उपस्थिति वहां भी ग्रेसफुल रही। कभी भी किसी पार्टी या उसके नेता के बारे में छोटी बात नहीं कही। बिना किसी का नाम लिए बीरेंद्र सिंह ने कहा – जो अपने आप को नेता और बड़े कदम का नेता मानते हैं, उन्हें भी व्यवहारिक रूप से मान्यताओं और गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। राष्ट्रीय गान – ‘जन, गण मन, अधिनायक’ का जिक्र करते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा – कल ही मैं अपनी धर्मपत्नी से कह रहा था कि मुझे हिंदी में इसका मतलब समझाओ। मेरे से उनकी हिंदी अधिक अच्छी है। इसके चूंकि अधिनायक है और इसका मतलब आजादी के इस बाद देश के कर्णधार और देश पर राज करने वाले राजनीतिक दलों और नेताओं से नहीं बल्कि प्रजा से है। इस देश पर राज करने वाली प्रजा ही है। उन्होंने कहा, आज अगर संविधान और लोकंतत्र को बचाना है तो देश के साधारण से साधरण आदमी को उठना होगा।
जाने से पहले की क्षमा याचना
बीरेंद्र सिंह ने कहा – 2014 में कांग्रेस छोड़ने और भाजपा ज्वाइन करने से पहले मैं सोनिया गांधी से मिलकर गया था। मैंने उनसे क्षमा याचना की थी और कहा था कि किसी कारणवश मुझे जाना पड़ रहा है। इसके बाद जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे कैबिनेट में लिया तो उससे पांच घंटे पहले मुझे बुलाकर कहने लगे – बीरेंद्र जी आपका राजनीतिक सफर। मैंने कहा – सफर तो लम्बा हो गया। 42 साल मैं कांग्रेस में रहा हूं। मैं उन राजनेताओं में से नहीं हैं जो एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में अपनी पैठ जमाने के लिए दूसरे नेताओं के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करें।
हरियाणा के कांग्रेसियों से मांगा साथ
कांग्रेस ज्वाइनिंग के साथ ही बीरेंद्र सिंह प्रदेश में कांग्रेस की एकजुटता की बात भी करते नज़र आए। उन्होंने हुड्डा, सैलजा, सुरजेवाला, कै़प्टन अजय यादव व किरण का नाम लेते हुए कहा, मुझे दस-पंद्रह दिन का समय दे दें। इसके बाद दो-तीन लाख लोगों की बड़ी रैली की जाएगी। उसी दिन हरियाणा से भाजपा का बोरिया-बिस्तर बंद ना हो जाए तो मुझे पकड़ लेना। बीरेंद्र सिंह ने कहा, 52 वर्ष का राजनीतिक अनुभव हो गया है और अब मैं अच्छा राजनीतिक ज्योतिषी भी हो गया हूं। आज देश में आया बदलाव नेताओं या दलों की वजह से नहीं बल्कि भाजपा की गलत नीतियों की वजह से है। इस बार सत्ता पलटनी तय है।