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मां भारती के इस वीर ने 13 साल की उम्र में दे दिया था बलिदान

10:27 PM Aug 10, 2024 IST
मां भारती के इस वीर ने 13 साल की उम्र में दे दिया था बलिदान
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 10 अगस्त
स्वतंत्रता दिवस से पहले, चंडीगढ़ प्रेस क्लब में भारत छोड़ो आंदोलन के सबसे कम उम्र के शहीद पर डॉ कंवल किशोर प्रजापति द्वारा लिखे उपन्यास के विमोचन समारोह पर जुटे उनके परिवार संग साहित्यकार, माहौल हुआ नम।

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भारत को गुलामी से मुक्त कराने के लिए यूं तो हजारों, लाखों देशभक्तों ने अपनी शहादत दी, मगर देवरिया जिले के एक देशभक्त ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं, शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की। जो गांधी जी के आह्वान पर, 'अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन' में कूद गए थे। कहा जाता है कि आंदोलन में हिस्सा लेने के वक्त वे कक्षा 7 के छात्र थे। 14 अगस्त 1942 को वे घर में अपने माता-पिता से अनुमति लेकर स्कूल से पैदल चलते हुए देवरिया पहुंच गए थे। उन्होंने कचहरी की छत पर लगा अंग्रेजों का यूनियन जैक फाड़ कर फेंक दिया था और अपना तिरंगा फहरा दिया था।

एक मासूम बच्चे का यह दुस्साहस देख अंग्रेजों ने विद्यार्थी पर धुआंधार गोलियां चलायीं। मगर आजादी का यह दीवाना गोलियों से छलनी होने के बावजूद भी, मां भारती के जय घोष के साथ तिरंगा फहराने में सफल हुआ और अंत में शहीद हो गया। 13 वर्ष की उम्र में देशभक्ति का ऐसा जज्बा पूरे विश्व के इतिहास में बिरला ही मिलता है।

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मुख्य अतिथि भगवानदास मोरवाल ने कहा, इस देश के तो बच्चे भी अपनी जान कुर्बान कर रहे थे, उसे कौन गुलाम रख सकता है, डॉ कंवल किशोर ने शहीद की गाथा को कलमबद्ध किया, यह सराहनीय प्रयास है।

पूर्व आईएएस आरएस वर्मा ने कहा शहीदों को याद रखना चाहिए हमें। इनकी बदौलत हम आज खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। डॉ. कंवल किशोर ने बाल शहीद पर उपन्यास लिखकर मील का पत्थर स्थापित किया है। शहीद के भाई रामबड़ाई जी व सत्यनारायण प्रजापति ने भी विद्यार्थी के जीवन पर अपने विचार रखे।

बीपीएचओ के मुखिया सत्यनारायण प्रजापति ने भी डॉ. कंवल किशोर के देशप्रेम से ओतप्रोत उपन्यास की भरकस तारीफ़ की व आगे भी ऐसे प्रयास जारी रखने को कहा ।

समारोह में शहीद के छोटे भाई राम बड़ाई, उनके भाई के पौत्र संजय प्रजापति, जाने माने उपन्यासकार भगवानदास मोरवाल ,एडवोकेट शौकीन वर्मा, सत्यनारायण प्रजापति, रमेश टांक, पूर्व आईएएस आर.एस. वर्मा, डॉ. के.के. वर्मा, बलजीत प्रजापति, नरेश प्रजापति, दिलबाग, जय सिंह वर्मा, डॉ. अजय, रमेश टांक , श्री कृष्ण शास्त्री, दिनेश समाजसेवी सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

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