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सितंबर-अक्तूबर में तीसरी लहर

11:57 AM Aug 24, 2021 IST

नयी दिल्ली, 23 अगस्त (एजेंसी)

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केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले एक संस्थान की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति ने आशंका जताई है कि देश में सितंबर और अक्तूबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसके साथ ही समिति ने टीकाकरण की रफ्तार काफी तेज करने का सुझाव दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति ने यह भी कहा है कि बच्चों को वयस्कों के समान जोखिम होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने की स्थिति में बाल चिकित्सा अस्पताल, डॉक्टर और वेंटिलेटर, एम्बुलेंस आदि की उपलब्धता मांग के अनुरूप न होने की आशंका है।

प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सिर्फ 7.6 फीसदी (10.4 करोड़) लोगों का ही पूर्ण टीकाकरण किया गया है और यदि वर्तमान टीकाकरण दर में वृद्धि नहीं की गयी तो महामारी की अगली लहर में प्रति दिन 5 लाख तक मामले आ सकते हैं।

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एनआईडीएम की रिपोर्ट में आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के अनुमान का हवाला दिया गया है, जिसमें तीसरी लहर को लेकर 3 संभावित परिदृश्य हैं। पहले परिदृश्य में, तीसरी लहर अक्तूबर में चरम पर पहुंच सकती है और रोजाना 3.2 लाख मामले आ सकते हैं। दूसरे परिदृश्य में, वायरस का नया और अधिक संक्रामक स्वरूप सामने आ सकता है और तीसरी लहर सितंबर में चरम पर पहुंच सकती है तथा प्रतिदिन 5 लाख मामले आने का अंदेशा है। विशेषज्ञों ने तीसरे परिदृश्य में आशंका व्यक्त की है कि तीसरी लहर की चरम स्थिति अक्तूबर के अंत में आएगी और रोज 2 लाख मामले आ सकते हैं।

नये स्वरूप आये तो नवंबर में पीक

अगर कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के अलावा और स्वरूप सामने आते हैं व सितंबर के अंत तक पूरी तरह से सक्रिय होते हैं, तो महामारी की तीसरी लहर नवंबर में अपने चरम पर होगी। महामारी की गणितीय गणना के आधार पर पूर्वानुमान लगाने वाली टीम में शामिल एक वैज्ञानिक ने सोमवार को यह दावा किया। उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में मामलों में तेजी नहीं आएगी और संभव है कि इससे काफी हद तक पहली लहर की तरह स्थिति उत्पन्न होगी। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि अगर वायरस का नया स्वरूप नहीं आता, तो हो सकता है कि तीसरी लहर आए ही नहीं। अग्रवाल 3 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम का हिस्सा हैं, जिसे मामलों की संख्या को लेकर पूर्वानुमान लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।

उपचाराधीन मरीजों की संख्या 19,474 घटी

देश में एक दिन में कोरोना के 25,072 नये मामले सामने आये। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,33,924 रह गयी। करीब 160 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या सबसे कम दर्ज हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार सुबह तक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 19,474 कमी आई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.63 फीसदी है। वहीं, 389 संक्रमितों की मौत से मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 4,34,756 हो गयी। इस बीच, रविवार को 12,95,160 टेस्ट किए गये।

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तीसरीसितंबर-अक्तूबर