ये वादियां, ये नजारे
गगन शर्मा
पटनी टॉप, जम्मू और कश्मीर की पीर पंजाल पर्वत शृंखला में स्थित एक रमणीय पर्यटक स्थल है, जो श्रीनगर की तरफ जाते हुए उधमपुर के बाद आता है। यह जम्मू से लगभग 112 किमी तथा 6,640 फ़ुट की ऊंचाई पर चेनाब नदी के समीप स्थित है। यह अपने शांत परिवेश, ऊंचे चीड़ के वृक्षों, जंगलों से ढके पहाड़ों तथा चारों ओर से घिरे हरे-भरे खेतों की वजह से दिन प्रतिदिन पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।
सत्रहवीं शताब्दी में यहां डोगरा राजा ध्रुव का शासन हुआ करता था, जिन्होंने अपने क्षेत्र में सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण किया था। इसका एक प्रमाण यहां का 600 साल पुराना नाग मंदिर है। पटनी टॉप का प्राचीन नाम ‘पाटन दा तालाब’ हुआ करता था, जिसका अर्थ है ‘राजकुमारी का तालाब।’ कहते हैं कि यह राजकुमारी की नहाने की पसंदीदा जगह थी। अंग्रेजों के समय में ‘पाटन दा तालाब’ धीरे-धीरे पटनीटॉप के रूप में परिवर्तित होता चला गया। पटनीटॉप के आस-पास कई दर्शनीय अछूते से स्थल हैं, जहां पहुंचने पर पर्यटक विभिन्न ऐतिहासिक, प्राकृतिक, आधुनिक व वैज्ञानिक अनुभवों को संजो सकते हैं।
नवीनतम तकनीक से निर्मित, स्काईव्यू गोंडोला एशिया में सबसे ऊंचे गोंडोला में से एक है, जो पूरे वर्ष भर हर मौसम में अपनी सेवाएं प्रस्तुत करता है। पटनीटॉप से संगीत घाटी की 2.8 किमी की रोमांचक दूरी करीब 12 मिनट में करवाने वाली विज्ञान की यह अद्भुत देन है। सनासार झील पटनीटॉप से करीब 20 किमी की दूरी पर, भारत के सबसे दूरस्थ जगहों में से स्थित झील है। ये मिनी गुलमर्ग के नाम से प्रसिद्ध, शांता रिज नामक पर्वत की तलहटी में बसा एक क़स्बा है जो सना और सार नामक दो गांवों के मेल से बना है। यहीं भारतीय वायुसेना का सबसे ऊंचाई पर स्थित वायुसेना बेस है!
पटनीटॉप के प्राचीन मंदिरों में से एक यह नाग मंदिर करीब 600 साल पुराना बताया जाता है। नाग पंचमी के दौरान हजारों तीर्थयात्री इस मंदिर में पहुंचते हैं। चेनानी नाशरी सुरंग या पटनीटॉप सुरंग, देश की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है। सुरंग के बनने के बाद जम्मू और श्रीनगर की दूरी मात्र 30.11 किमी रह गई है। पटनीटॉप के आस-पास कई और भी दर्शनीय स्थल हैं जैसे, बुद्ध अमरनाथ मंदिर। बिल्लो की पावरी, माधोटाप इत्यादि। यदि कश्मीर जाने का सुयोग बने और समय हो, तो कुछ वक्त यहां जरूर गुजारा जा सकता है।
साभार : कुछ अलग सा डॉट ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम