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पंजाब नगर निगम और परिषद चुनावों में होगा बहुकोणीय मुकाबला

10:44 AM Dec 12, 2024 IST
पंजाब नगर निगम और परिषद चुनावों में होगा बहुकोणीय मुकाबला
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कुलदीप सिंह/निस
चंडीगढ़, 11 दिसंबर
पंजाब की पांच नगर निगम और 44 नगर परिषद चुनाव के लिए चारों प्रमुख पार्टियों - आप, कांग्रेस, अकाली दल एवं भाजपा ने कमर कस ली है। 21 दिसंबर को होने वाले इन चुनावों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 12 दिसंबर है। नतीजों का ऐलान भी 21 दिसंबर को ही कर दिया जाएगा। सबसे पहले आम आदमी पार्टी की बात करें तो पंजाब की सत्ताधारी पार्टी होने का लाभ ‘आप’ को यकीनन मिलना है। पार्टी सभी निगमों में अपने मेयर बनाने का दावा कर रही है। चार उपचुनाव में आप को मिली बंपर जीत से पार्टी के हौसले और बुलंद हैं। कांग्रेस पार्टी 2021 में सत्ताधारी पार्टी थी और उस समय 8 नगर निगम और 109 नगर पालिका-नगर परिषदों (117 स्थानीय निकाय) में कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल की थी पर उपचुनाव में कांग्रेस सिर्फ एक ही सीट बचाने में कामयाब रही। हालांकि कांग्रेस पार्टी इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने का दावा कर रही है पर शहरी क्षेत्र के चुनाव होने के कारण यह चुनाव बहुकोणीय बन गया है। शिरोमणि अकाली दल भी इन चुनावों में हिस्सा ले रहा है, जिसने अपने आप को उप चुनाव से दूर रखा। पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त द्वारा दी गई सजा काट रहे हैं जो 12 दिसंबर तक है। सियासी माहिरों के अनुसार अकाली दल अपना निचला धड़ा (कैडर) बचाने के लिए चुनाव में आया है। पार्टी को पता है कि नगर परिषद चुनावों में पार्टी से ज्यादा उम्मीदवार का अपना असर रसूख काम करता है जो कुछ सीटें जीतने में भी तबदील हो सकता है और यह एक तरीके से पार्टी के लिए संजीवनी बन सकता है।
भारतीय जनता पार्टी पंजाब में पहली बार यह चुनाव अपने दम पर लड़ रही है। उप चुनाव में भाजपा की बहुत फजीहत हुई और तीन सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। बहरहाल नगर निगम और नगर परिषद चुनाव शहरी क्षेत्र के होने के कारण भाजपा को इन चुनावों से बहुत उम्मीदें हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू तो पांच निगमों में भाजपा के मेयर बनाने के दावे कर रहे हैं। इन चुनावों में आजाद उम्मीदवार भी काफी पकड़ रखते हैं जिनका अपने वार्डों में अपने कामकाज के बल पर बड़ा आधार होता है और यह किसी भी ताकतवर उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इसलिए यह चुनाव बहुकोणीय और सख्त मुकाबले वाले बन जाते हैं। बहरहाल 21 दिसंबर की शाम को पता लग ही जाएगा कौन कितने पानी में है।

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