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चुनाव नतीजों के बाद होगी समीक्षा, तैयार होगा ‘रिपोर्ट कार्ड’

10:23 AM May 30, 2024 IST
चुनाव नतीजों के बाद होगी समीक्षा  तैयार होगा ‘रिपोर्ट कार्ड’
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  • सोनीपत से भाजपा प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली खुले रूप से लगा चुके आरोप
  • हिसार में जेपी भी दे चुके मुखालफत के संकेत, रणजीत सिंह पर भी पड़ी मार

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 मई
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटों पर मतदान के बाद अब भितरघात और पार्टी के नेताओं द्वारा ही अंदरखाने मुखालफत किए जाने की शिकायतें शुरू हो गई हैं। अहम बात यह है कि इस तरह की शिकायतें दोनों ही पार्टियों – कांग्रेस व भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही हैं। कुछ नेता तो मुखर होकर बोल रहे हैं वहीं कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसकी शिकायत की है। माना जा रहा है कि 4 जून को होने वाली मतगणना और चुनावी नतीजों के बाद यह मामला और भी सुर्खियों में आएगा।
सत्तारूढ़ भाजपा नतीजों से पहले ही विगत दिवस पंचकूला में बैठक करके लोकसभा की सभी 10 सीटों पर हुए मतदान की समीक्षा कर चुकी है। नतीजों के बाद भी भाजपा की मंथन बैठक होगी और उसमें विस्तार से चर्चा होगी। नतीजों के बाद कांग्रेस भी समीक्षा बैठक करेगी। ये बैठकें इसलिए भी होनी तय हैं क्योंकि करीब 4 महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में नतीजों में बाद
होने वाली समीक्षा बैठक में सभी नेताओं की परफोरमेंस भी देखी जाएगी और इसी हिसाब से ‘रिपोर्ट कार्ड’ बनेगा।
विधानसभा चुनावों में दोनों ही पार्टियों के मौजूदा विधायकों के अलावा और भी कई नेताओं द्वारा टिकटों की मांग की जा रही है। भाजपा और कांग्रेस द्वारा हलकावार पार्टी उम्मीदवारों को मिले मतों के हिसाब से टिकट आवंटन किया जाएगा। कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया तो लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ही सभी नेताओं व वर्करों को चिट्ठी लिखकर कह चुके हैं कि जिन नेताओं के हलकों में पार्टी की परफोरमेंस सही नहीं मिलेगी या भितरघात की शिकायतें होंगी तो विधानसभा की टिकट पर उनका दावा मजबूत नहीं रहेगा।
भाजपा की ओर से पहले ही इस तरह के संकेत दिए जाते रहे हैं कि 2024 के विधानसभा चुनावों में कई मौजूदा विधायकों की टिकट कट सकती है। वर्तमान में भाजपा के 40 विधायक हैं। इन सभी के हलकों में भाजपा उम्मीदवारों को मिले वोट प्रतिशत के हिसाब से उनका भी रिपोर्ट कार्ड बनेगा। लोकसभा चुनावों में भाजपा ने जिस तरह से छह सीटों पर नये चेहरों को उतारा था। उससे स्पष्ट है कि विधानसभा चुनावों में भी सिटिंग गैटिंग का फार्मूला नहीं चलेगा।
बहरहाल, सभी को लोकसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार है। नतीजों से पहले पंचकूला में हुई भाजपा की बैठक में यह बात भी खुलकर रखी गई कि कई जगहों पर अधिकारियों व कर्मचारियों ने नियमों के विरुद्ध काम किया है। कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों पर विपक्ष की मदद करने के आरोप लगे हैं। सीएम नायब सिंह सैनी व पूर्व सीएम मनोहर लाल भी नतीजों के बाद ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करने के संकेत दे चुके हैं।
इस बीच, सोनीपत से भाजपा प्रत्याशी व राई विधायक मोहनलाल बड़ौली ने सोनीपत के ही कुछ नेताओं पर कांग्रेस प्रत्याशी की मदद करने के आरोप लगाए हैं।
करनाल में कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को भी स्थानीय स्तर पर पार्टी नेताओं का पूरी तरह से साथ नहीं मिलने की खबरें हैं। करनाल विधानसभा के उपचुनाव में सीएम नायब सिंह सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के तरलोचन सिंह तो सार्वजनिक रूप से आरोप लगा चुके हैं कि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा है। उनका आरोप है कि कांग्रेस ने उनके खिलाफ काम किया। यह बात भी दीगर है कि खुद तरलोचन सिंह भी चुनाव प्रचार में उतने एक्टिव नज़र नहीं आए, जितना आमतौर पर एक प्रत्याशी को होना होता है।

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हिसार में दोनों ओर से ‘खेल’

हिसार संसदीय सीट पर दोनों ही पार्टियों – भाजपा व कांग्रेस में भितरघात होने की आशंका जताई जा रही है। भाजपा से राज्य के बिजली व जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ को मैदान में उतारा हुआ था। जेपी को यहां के सिटिंग सांसद रहे व पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह का टिकट काटकर दिया गया। जेपी भी भितरघात होने के संकेत दे चुके हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक किसी नेता का नाम नहीं लिया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के रणजीत सिंह ने भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इस पार्लियामेंट में कुछ नेताओं द्वारा अंदरखाने की गई मुखालफत को लेकर शिकायत दी है।

सिरसा में भी हुआ बड़ा खेला

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सिरसा संसदीय क्षेत्र में भी पार्टी प्रत्याशी डॉ़ अशोक तंवर के साथ अंदरखाने बड़ा खेला हो गया। बताते हैं कि पार्टी द्वारा अंदरूनी तरीके से तैयार की गई रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है। अशोक तंवर को टिकट दिए जाने के बाद शुरूआती दौर में तो पार्टी कैडर ही सक्रिय नहीं था। हालांकि बाद में सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल के दौरों व बैठकों के बाद पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने काम शुरू किया था। इस संसदीय क्षेत्र में कप्तान मीनू बैनीवाल सहित कुछ ऐसे चेहरे भी हैं, जिन्होंने भाजपा की उम्मीद से बढ़कर काम किया।

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