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प्रदेश में नयी सरकार बनते ही अफसरशाही में होगा भारी बदलाव

08:56 AM Oct 16, 2024 IST
प्रदेश में नयी सरकार बनते ही अफसरशाही में होगा भारी बदलाव
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चंडीगढ़, 15 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद अफसरशाही में बड़े फेरबदल की संभावनाएं हैं। इसके चलते अफसरशाही में भी लॉबिंग शुरू हो चुकी है। हरियाणा सिविल सचिवालय में भले ही पिछले एक माह से सन्नाटा पसरा हुआ है। लेकिन आईएएस व आईपीएस लॉबी नई सरकार में नई तैनातियों के लिए लॉबिंग में जुट गई है। इस बीच, 1988 बैच के आईएएस अधिकारी एवं मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद 31 अक्तूबर को रिटायर्ड हो रहे हैं।
कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जो उन्हें एक्सटेंशन दिलवाने की जुगत में हैं। हालांकि मुख्य सचिव रैंक के वे अधिकारी भी लॉबिंग कर रहे हैं, जिनका नंबर प्रसाद के बाद मुख्य सचिव पद पर लगना है। वरिष्ठता को लेकर भी अधिकारियों के बीच विवाद चल रहा है। इस संदर्भ में कुछ आईएएस अधिकारियों ने पत्र भी लिखा हुआ है। यह मामला भी केंद्र के स्तर पर गया हुआ है। माना जा रहा है कि मौजूदा मुख्य सचिव के कार्यकाल से पहले इस विवाद का भी हल निकाला जा सकता है।
मोटे तौर पर मुख्य सचिव के अलावा सीएम के प्रधान सचिव के पदों पर नई नियुक्तियां होंगी। आईएएस अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में अहम पदों पर पोस्टिंग के लिए सक्रिय हो गए हैं। चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के कई विधायक उन अधिकारियों को चेता चुके हैं, जिन्होंने चुनाव के दौरान खुलकर कांग्रेस की मदद की थी। खुद कार्यकारी सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि लापरवाह अफसरों की लगाम कसेंगे। इससे साफ है कि कुछ आईएएस-एचसीएस और आईपीएस-एचपीएस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। अब भाजपा की सरकार आने के बाद ऐसे अधिकारी भाजपा नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर के दिल्ली जाने की चर्चा है। वे नई दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जता चुके हैं। उनकी पत्नी दीप्ति उमाशंकर भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। वी़ उमाशंकर के दिल्ली जाने पर मुख्यमंत्री का अगला प्रधान सचिव कौन बने, इसको लेकर अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है।
मनोहर लाल के स्थान पर सीएम बनने के बाद नायब सिंह सैनी को अपने तीन माह के कार्यकाल के दौरान मनोहर लाल की टीम मिली थी। उस समय ओएसडी जवाहर यादव, अभिमन्यु और भूपेश्वर दयाल सभी चुनाव लडऩे के लिए पहले ही सीएमओ से जा चुके हैं। ऐसे में इनके स्थान पर नए अधिकारियों या फिर नेताओं की नियुक्ति हो सकती है।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार से लेकर कई अन्य पद भरे जाने हैं। संभावना है कि इन पदों पर सीएम सैनी अपने चेहते और कुछ हारे हुए नेताओं को सीएमओ में बुला सकते हैं।

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