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राजनीति के 5 दिग्गज खिलाड़ियों में होगा मुकाबला

10:40 AM Sep 18, 2024 IST
राजनीति के 5 दिग्गज खिलाड़ियों में होगा मुकाबला
गहल सिंह संधू आप , बलदेव बड़ैच इनेलो, डॉ. सुखविंदर कौर जजपा
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सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 17 सितंबर
पिहोवा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव मैदान में खड़े 9 प्रत्याशियों में 6 प्रत्याशी दिग्गज व राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी हैं। दिलचस्प बात है कि इन चुनाव में खड़े 9 प्रत्याशियों में से पांच प्रत्याशी जट सिख समुदाय से हैं जिस कारण इस विधानसभा क्षेत्र में बड़ा दिलचस्प चुनाव चल रहा है। कांग्रेस ने यहां पर पूर्व वित्त मंत्री हरमोहिंद्र चट्ठा के बेटे मनदीप चट्ठा को चुनाव मैदान में उतारा है जो  एक मजे हुए राजनीति के खिलाड़ी हैं। वहीं भाजपा ने यहां से राजनीति के ही खिलाड़ी जय भगवान शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। लगातार चार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाने वाले इनेलो नेता व पूर्व मंत्री स्व. जसविंदर संधू के रथ के सारथी बलदेव बड़ैच को इनेलो-बसपा ने चुनाव मैदान में उतारा है जिन्हें पिछले 25 वर्षों से चुनाव लड़ने का तजुर्बा है। उधर, आम आदमी पार्टी ने एक दिग्गज अधिवक्ता गहल सिंह संधू को प्रत्याशी बनाया है। जजपा ने इस क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेता प्रोफेसर रणधीर सिंह की धर्मपत्नी डॉ. सुखविंदर कौर को चुनाव मैदान में उतारा है जो सभी प्रत्याशियों में सबसे अधिक पढ़ी लिखी हैं। किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी संयुक्त संघर्ष समिति के ओर से यहां से चुनाव मैदान में हैं। शिरोमणि अकाली दल (मान ग्रुप) ने कुलदीप सिंह को चुनाव में उतारा हुआ है। सभी प्रत्याशियों का राजनीति के खिलाड़ी व दिग्गज होने के कारण यहां का चुनाव बड़ा दिलचस्प हो रहा है। हालांकि मैदान में रजत शर्मा व श्यामलाल दो निर्दलीय भी हैं।
किसान नेता व संयुक्त संघर्ष समिति के प्रत्याशी गुरनाम चढ़ूनी खुद भी इस क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य सभी प्रत्याशी भी पहली बार ही यहां से चुनाव मैदान में खड़े हैं। भाजपा के प्रत्याशी जय भगवान शर्मा ने 2014 का  विधानसभा चुनाव यहां से लड़ा था परंतु हार गए थे। इस बार वह फिर चुनाव मैदान में हैं। उन्हें एेनवक्त पर पार्टी ने हलके से चुनाव मैदान में उतारा है क्योंकि भाजपा प्रत्याशी कमलजीत अजराना ने अपना टिकट वापस कर दिया था।  अजराना द्वारा अपना टिकट वापस करने के कारण ही इस बार इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव जातिवाद पर चलने लगा है। जातिवाद की हवा इस कदर चल रही है कि 10 वर्ष तक सत्ता सुख भोगने वाले भाजपा के सिख नेता भी भाजपा की नाव से उतरकर कांग्रेस की किश्ती में सवार हो गए हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी मनदीप चट्ठा 2 बार आजमा चुके किस्मत

मनदीप चट्ठा
कांग्रेस, जयभगवान शर्मा
भाजपा

कांग्रेस प्रत्याशी मनदीप चट्ठा वर्ष 2019 व 2014 में भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। यह दीगर बात है कि वर्ष 2014 में वह 34810 वोट लेकर भी हार गए थे। इनके मुकाबले जय भगवान शर्मा ही भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में थे जो 38723 वोट लेकर भी हार गए थे। इन दोनों को इनेलो नेता जसविंदर सिंह ने 49000 से भी अधिक वोटों से हराया था। वहीं 2019 में मनदीप चट्ठा 37300 वोट लेकर भी चुनाव हार गए थे। उस समय यह सीट भाजपा के संदीप सिंह ने जीती थी। इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी को 51555 वोट मिले थे जबकि यह सीट गठबंधन के कारण आम आदमी पार्टी ने लड़ी थी। गठबंधन प्रत्याशी को 52434 वोट यहां से मिले थे।

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1 लाख 86 हजार 786 मतदाता करेंगे फैसला

इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 1 लाख 86 हजार 786 मतदाता हैं। यहां पर लगभग 15000 के करीब लबाना सिख व 19000 के करीब जट सिख मतदाता हैं। सिख बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण ही यहां पर जातिवाद हावी हो रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 13000 से अधिक ब्राह्मण मतदाता व लगभग 17 हजार जाट मतदाता हैं। इसी तरह अन्य जातियों के मतदाता हैं।

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