राजनीति के 5 दिग्गज खिलाड़ियों में होगा मुकाबला
पिहोवा, 17 सितंबर
किसान नेता व संयुक्त संघर्ष समिति के प्रत्याशी गुरनाम चढ़ूनी खुद भी इस क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य सभी प्रत्याशी भी पहली बार ही यहां से चुनाव मैदान में खड़े हैं। भाजपा के प्रत्याशी जय भगवान शर्मा ने 2014 का विधानसभा चुनाव यहां से लड़ा था परंतु हार गए थे। इस बार वह फिर चुनाव मैदान में हैं। उन्हें एेनवक्त पर पार्टी ने हलके से चुनाव मैदान में उतारा है क्योंकि भाजपा प्रत्याशी कमलजीत अजराना ने अपना टिकट वापस कर दिया था। अजराना द्वारा अपना टिकट वापस करने के कारण ही इस बार इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव जातिवाद पर चलने लगा है। जातिवाद की हवा इस कदर चल रही है कि 10 वर्ष तक सत्ता सुख भोगने वाले भाजपा के सिख नेता भी भाजपा की नाव से उतरकर कांग्रेस की किश्ती में सवार हो गए हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी मनदीप चट्ठा 2 बार आजमा चुके किस्मत
कांग्रेस प्रत्याशी मनदीप चट्ठा वर्ष 2019 व 2014 में भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। यह दीगर बात है कि वर्ष 2014 में वह 34810 वोट लेकर भी हार गए थे। इनके मुकाबले जय भगवान शर्मा ही भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में थे जो 38723 वोट लेकर भी हार गए थे। इन दोनों को इनेलो नेता जसविंदर सिंह ने 49000 से भी अधिक वोटों से हराया था। वहीं 2019 में मनदीप चट्ठा 37300 वोट लेकर भी चुनाव हार गए थे। उस समय यह सीट भाजपा के संदीप सिंह ने जीती थी। इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी को 51555 वोट मिले थे जबकि यह सीट गठबंधन के कारण आम आदमी पार्टी ने लड़ी थी। गठबंधन प्रत्याशी को 52434 वोट यहां से मिले थे।
1 लाख 86 हजार 786 मतदाता करेंगे फैसला
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 1 लाख 86 हजार 786 मतदाता हैं। यहां पर लगभग 15000 के करीब लबाना सिख व 19000 के करीब जट सिख मतदाता हैं। सिख बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण ही यहां पर जातिवाद हावी हो रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 13000 से अधिक ब्राह्मण मतदाता व लगभग 17 हजार जाट मतदाता हैं। इसी तरह अन्य जातियों के मतदाता हैं।