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रेप-हत्या को छिपाने की कोशिश हुई

07:52 AM Aug 23, 2024 IST
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा। -प्रेट्र

नयी दिल्ली/कोलकाता, 22 अगस्त (एजेंसी)
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि कोलकाता की स्थानीय पुलिस द्वारा मामले को छिपाने का प्रयास किया गया। उसने कहा कि जांच हाथ में लेने तक अपराध स्थल का परिदृश्य बदल चुका था। सीबीआई की ओर से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ-साथ पीड़िता के सहकर्मियों ने वीडियोग्राफी के लिए कहा था। इसका मतलब यह है कि उन्हें भी लगा कि इसमें कुछ छिपाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
इस बीच, कोलकाता की एक विशेष अदालत ने सीबीआई को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और चार अन्य डॉक्टरों पर पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति दे दी। सीबीआई ने घोष और चार अन्य डॉक्टरों को, जो 9 अगस्त को घटना के दिन ड्यूटी पर थे, उन पर झूठ पकड़ने वाले परीक्षण करने की अनुमति मांगने के लिए एक विशेष अदालत में ले गई। यह जांच कोर्ट की अनुमति से ही संभव है।

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‘राजनीति न करें, कानून अपना काम करेगा’

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर राजनीति नहीं करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि सभी राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि कानून अपना काम करेगा। मेहता ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के एक मौजूदा मंत्री ने बयान दिया है कि अगर कोई हमारी नेता (ममता बनर्जी) के खिलाफ कुछ भी बोलेगा तो उसकी उंगलियां काट दी जाएंगी।’ सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए। इस पर सिब्बल ने कहा कि ‘विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि गोलियां चलाई जाएंगी।’ सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में रेजिडेंट चिकित्सकों की अमानवीय कार्य अवधि को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर कभी-कभी लगातार 36 घंटे तक सेवा में रहते हैं।

11 दिनों से जारी हड़ताल समाप्त

‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ (फेमा) ने 11 दिनों से जारी हड़ताल बृहस्पतिवार को समाप्त कर दी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आश्वासन के बाद लिया गया। कई ‘रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए)’ द्वारा हड़ताल समाप्त करने के बाद फेमा ने यह कदम उठाया। इसी के साथ दिल्ली के एम्स, आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज तथा दिल्ली सरकार के इंदिरा गांधी अस्पताल के आरडीए ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। इससे पहले दिन में देश के अनेक हिस्सों में डाॅक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया।

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