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नगर निगम में 50 लाख का घोटाला हुआ, विजिलेंस जांच की मांग

07:53 AM Jul 17, 2024 IST
नगर निगम में 50 लाख का घोटाला हुआ  विजिलेंस जांच की मांग
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­फरीदाबाद, 16 जुलाई (हप्र)
एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने फरीदाबाद नगर निगम में एक और बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम अधिकारियों ने एक ही विकास कार्य के लिए कैबिनेट मंत्री की संस्तुति के फर्जी कागजात के आधार पर दो फाइल बना दी। एक फाइल 62 लाख की बनाई तो दूसरी फाइल 50 लाख रुपए की तैयार की। निगम में 200 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद यह एक और बड़ा घोटाला है। विधायक ने इस मामले के कागजात निगम आयुक्त मोना ए श्रीनिवासन के समक्ष पेशकर घोटाले में शामिल अधिकारियों और ठेकेदार ब्रजलाल चौरसिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विजिलेंस से जांच कराने की मांग की है। अधिकारियों ने निगम ने 50 लाख का घोटाला किया है। सरकार ने उनकी बातों को गम्भीरता से नहीं लिया।
विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि राजीव कालोनी के लोग उनके कार्यालय पर अपनी गली की नारकीय स्थिति होने के कारण उनसे कार्यालय पर आकर मिले। उसके बाद जब नगर निगम अधिकारियों से बात करके फाइल की कापी देखी तो पता चला की एक और घोटाला तैयार है। उन्होंने बताया कि फाइल देखने पर पता चला कि 3 अप्रैल 2023 को कैबिनेट मंत्री ने आयुक्त नगर निगम फरीदाबाद को पत्र लिखा कि पूर्वी राजीव कालोनी होली चौक गली नंबर 1 से 11 तक गलियों में इंटरलांकिंग टाइल, सीवर लाइन, पानी की लाइन डाली जाए उसके लिए नगर निगम ने लगभग 62 लाख का कार्य आवंटित किया गया और उसके बाद उसी नाम से एक फाइल और तैयार करके लगभग 50 लाख का कार्य आवंटित कर दिया गया। विधायक ने कहा कि इस मामले को लेकर तुरंत मुख्य अभियंता से मिले और पूरी फाइल देखने के बाद नगर निगम आयुक्त से तुंरत जाकर मिले और उनको पूरे घोटाले से अवगत करवाया। आयुक्त ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मामले की जांच करने के आदेश दिए है। इस मामले सबसे हैरानी की बात है कि दोनों फाइलें कैबिनेट मंत्री के पत्र जाने के बाद तैयार की गई है। लगभग 50 लाख वाली फाइल में जो मंत्री का पत्र 2023 का है और अधिकारी के हस्ताक्षर 2022 के है। यह कैसे संभव हो सकता है।

अतिरिक्त आयुक्त करेंगे जांच : नगर निगम फरीदाबाद की कमिश्नर ए.मोना श्रीनिवास ने कहा कि विधायक नीरज शर्मा की ओर से शिकायत प्राप्त हुई थी। इसकी जांच अतिरिक्त आयुक्त को सौंपी गई है। 15 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है। मुख्य अभियंता, एमसीएफ को निर्देश दिया गया कि अगले आदेश तक उक्त मामले का भुगतान जारी न किया जाए और दूसरी फाइल के संबंध में कार्य आदेश तत्काल रद्द किया जाए।

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