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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और जवाब के बीच हुई शायराना जंग

06:31 AM Feb 23, 2024 IST

महफिल में चल रही थी मेरे कत्ल की तैयारी : मनोहर लाल

सियासत की रंगत में न डूब इतना कि जनता का दर्द भी नज़र न आए : हुड्डा

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 फरवरी
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जवाब के दौरान शायराना अंदाज में भी एक-दूसरे पर पलटवार किया गया। पूरी तरह से कॉन्फिडेंस में नज़र आए सीएम ने किसी भी मुद्दे पर कांग्रेस का पलड़ा भारी नहीं पड़ने दिया। कांग्रेस के हर वार की काट उनके पास थी। मनोहर लाल और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के बीच हुई शायराना जंग के दौरान पूर्व स्पीकर डॉ. रघुबीर सिंह कादियान और तोशाम विधायक किरण चौधरी ने भी शायरी में अपने हाथ आजमाए।
मुख्यमंत्री ने अपना जवाब ही शेर से किया। ‘महफिल में चल रही थी मेरे कत्ल की तैयारी, चर्चा करते-करते बोले बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी’, से शुरुआत करते हुए मनोहर लाल ने कहा, बीबी बतरा और गीता भुक्कल ने स्वयं ही मान लिया है कि भाजपा के पास नंबर गेम है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस को अपने ही अविश्वास प्रस्ताव पर विश्वास नहीं है। कांग्रेस ने पहले ही हार मान ली है। बतरा और भुक्कल ने कहा, प्रस्ताव लाना हमारा अधिकार है।
गठबंधन सरकार को चुनावी घोषणा-पत्र पर घेरते हुए हुड्‌डा ने कहा - कायनात की मूरत बेच देते, जन्नत की सूरत बेच देते...। ये बल्ब, ट्यूबलाइट बेचने से क्या होगा, झूठ ही बेचना था, तो सीधा सूरज बेच देते...। इसके जवाब में मनोहर लाल ने कहा, मिल बैठकर मजलिस में जुगुन सारे, और ऐलान हुआ कि सूरज को बदला जाएगा। दोनों ओर से चल रही शेरो-शायरी के बीच पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने मोर्चा संभाला। शायराना हुईं किरण ने कहा – गर रोशनी यही है तो ऐ बदनसीब शहर, अब तीरगी ही तेरा मुकद्दर लगे है मुझे। अब मंजिल कहां की जाड़े-सफ़र को बचाइए, अब रहजनों की नीयते-रहबर लगे है मुझे।
कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर कटाक्ष करते हुए सीएम ने जवाबी हमले में कहा – मुझे खुशी है इस बात पर कि तुम्हें ऐतबार नहीं मुझ पर, हमें तो अपनी आवाम के हर शख्स का ख्याल है। तुम्हें अपने परिवार से मतलब है बस और मलाल यह है कि मुझे हर गरीब का ख्याल है। शेरों के जरिये मुख्यमंत्री कांग्रेस को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे। सीएम ने एक ओर शेर पढ़ते हुए कहा - ख्वाहिशों के बोझ में बशर तू क्या-क्या कर रहा है, इतना तो जीना भी नहीं है जितना तू मर रहा है।
जवाबी हमले को तैयार बैठे पूर्व मुख्यमंत्री हुड्‌डा ने एक और शेर दागा। ‘सियासत की रंगत में ना डूबो इतना...कि जनता का दर्द भी नजर ना आए...। जरा-सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को, अगर तुम्हें अपनी जुबान का कहा याद आ जाए..’, के जरिये उन्होंने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को घेरा। मनोहर लाल भी कहां रुकने वाले थे। हाथों-हाथ जवाब दे दिया। कहने लगे, हजार बर्क गिरे लाख आंधियां उठे, वो फूल खिलके रहेंगे जो खिलने वाले हैं।
जब माहौल शायराना हुआ तो हुड्‌डा ने मुख्यमंत्री को कहा कि शेरो-शायरी से क्या होगा। विपक्ष के आरोपों का जवाब दें। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जब एक-एक करके कई कथित घोटालों से पर्दा उठाया तो टकराव और भी बढ़ गया। कांग्रेस की ओर से सबसे अधिक 45 मिनट तक बीबी बतरा अविश्वास प्रस्ताव पर बोले थे। उन्होंने तीन-चार बार पानी भी पिया और यह भी कहा कि बुखार है। इस पर चुटकी लेते हुए अपने जवाब में सीएम ने कहा, पानी पी-पीकर कोसने वालों को बुखार भी हो गया।
दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते : हुड्‌डा, बतरा व भुक्कल सहित कांग्रेस के कई विधायक जब बार-बार घोटालों के आरोप लगा रहे थे तो सीएम ने उन पर सीधा हमला बोल दिया। गठबंधन सरकार पर लगे घोटालों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, जिनके घर शीशे के होते हैं वे दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते।
कांग्रेस राज में हुआ एजेएल घोटाला, औद्योगिक प्लांट आवंटन मामला और मानेसर का जमीन घोटाला सभी के सामने हैं। ये सभी केस कोर्ट में चल रहे हैं। सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है।

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हमने की है जमीन रिलीज

कांग्रेस के जमीन रिलीज करने के आरोपों पर सीएम ने कहा, हां हमने भी जमीन रिलीज की है, लेकिन पूर्व की सरकार की तरह नहीं। झज्जर में स्वामी ओमानंद सरस्वती के संग्रहालय की जमीन रिलीज की। गुरुग्राम में एक स्कूल की जमीन रिलीज की। वह भी इसलिए क्योंकि यह स्कूल 1906 से चला आ रहा है और आज भी चल रहा है। कोर्ट से भी आग्रह किया है कि इस मामले को अटैच ना किया जाए। पूर्व की सरकार में किसानों को जमीन अधिग्रहण के नोटिस जारी किए जाते थे। इसके बाद किसानों से जमीन खरीद ली जाती थी और बाद में उसे रिलीज कर दिया जाता था। ऐसी जमीनों पर बिल्डरों को लाइसेंस भी दिए गए।

प्रदेश में थी बीबीसी इंडस्ट्री

मनोहर लाल ने कहा, भाजपा के सत्ता मंे आने से पहले हरियाणा में बीबीसी इंडस्ट्री चल रही थी। यानी भर्तियां, बदली और सीएलयू। कांग्रेसियों की ओर से इसका भी डटकर विरोध किया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन ट्रांसफर का हवाला दिया। अपने भाई की पत्नी के ट्रांसफर और गीता भुक्कल की बेटी के चयन का जब उन्होंने जिक्र करते हुए व्यवस्था परिवर्तन का उदाहरण दिया तो कांग्रेसी इस निजी हमले से उखड़ गए। हुड्‌डा ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बयान बताया।

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मैंने किया था अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन : हुड्डा

कांग्रेस पर हमले के बीच सीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का मामला आया तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया। यह कहा गया कि ऐसा नहीं हो सकता। अगर 370 को हटाया तो दंगे भड़क जाएंगे। पूर्व सीएम हुड‌्डा ने कहा, आप गलत कह रहे हैं। मैंने विधानसभा में सबसे पहले इसे हटाने का समर्थन किया था। सीएम ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी पर भी कांग्रेसियों को घेरा।

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