नूंह में ज़मीन अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों और प्रशासन के बीच दिनभर रहा गतिरोध
विवेक बंसल/हप्र/गुरुग्राम, 5 जुलाई : आईएमटी रोजका मेव नूंह में ज़मीन अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों और प्रशासन के बीच दिनभर चला हाई वोल्टेज ड्रामा किसी नतीजे पर पहुंचे बिना थम गया। करीब 15 महीनों से ज़मीन अधिग्रहण को लेकर आंदोलन कर रहे नौ गांवों के किसानों और प्रशासन के बीच इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा और पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के साथ 18 सदस्यीय किसान प्रतिनिधिमंडल की एचएसआईआईडीसी कार्यालय में लंबी बैठक हुई, लेकिन हलफनामा रद्द करने और मुआवजा बढ़ाने जैसे मुख्य मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। किसानों ने एलान किया कि वे अब रोजका मेव में ही टेंट लगाकर ठहरेंगे और विकास कार्यों को रोक देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि यहीं लंगर चलेगा, और यही अब धरने का स्थल बनेगा।
नूंह में ज़मीन अधिग्रहण के लिये मुआवजे की मांग
प्रशासन ने साफ किया कि हलफनामा रद्द करने और ब्याज सहित मुआवजा देने की मांगें स्वीकार नहीं की जा सकतीं। हांलांकि, स्किल सेंटर, पार्क और प्लॉट देने जैसे वादों पर अगर किसान सहमत हों तो प्रशासन तेजी से काम आगे बढ़ाएगा, जिससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
नया विवाद: किसान नेता को मिली धमकी
दिन के बीच भारतीय किसान यूनियन युवा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद को मिली धमकी ने माहौल और गर्मा दिया। आरोप है कि उन्हें तेजाब से जान से मारने की धमकी एक अन्य किसान नेता ने फोन पर दी। इससे किसानों और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में भारी रोष व्याप्त है।
नूंह में ज़मीन अधिग्रहण बना संघर्ष का कारण
कांग्रेस शासन काल में नूंह विधानसभा के नौ गांवों की 1600 एकड़ भूमि आईएमटी के लिए अधिग्रहित की गई थी। किसानों से हलफनामा लेकर उनके कानूनी अधिकार समाप्त कर दिए गए थे। तभी से किसान अपनी ज़मीन, मुआवजा और पुनर्वास की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। कई दौर की वार्ताएं हुईं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका।
किसान लगातार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि वह इस मुद्दे पर किसानों से मुलाकात नहीं करेंगे।
पुलिस तैनाती और महिला की तबीयत बिगड़ना
शनिवार को भारी पुलिस बल, वाटर कैनन, फायर ब्रिगेड और आंसू गैस से लैस जवान आईएमटी परिसर में तैनात रहे। हालांकि बल प्रयोग नहीं हुआ, लेकिन हरियाणा रोडवेज की बसें बुलाना इस बात का संकेत था कि गिरफ्तारी की तैयारी पूरी थी। भीषण गर्मी के चलते अखिल भारतीय किसान सभा की नेता संतोष (भिवानी) की तबीयत बिगड़ गई। अन्य महिलाओं ने उन्हें राहत दी और उपचार के लिए ले जाया गया।