भगवान के किसी भी नाम में भेद नहीं करना : रविनंदन शास्त्री
यमुनानगर, 5 मई (हप्र)
श्री राधा कृष्ण सखा मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का आज समापन किया गया। कथा व्यास रविनंदन शास्त्री ने कहा कि हम लोगों की यह स्थिति है कि भगवान के नाम पर हमें कुछ देना पड़े तो कंजूस हो जाते हैं। आपने भाई बंधु की मोहमाया के लिए हम कर्ज लेने को भी तैयार हो जाते हैं। लेकिन भगवान की आज्ञा न मानने का दुष्परिणाम भी तो होता है। हम लोग गलती करते हैं कि धन आ जाए ज्यादा तो हम भगवान को भूल जाते हैं। भगवान को न पहचानते हैं और न पूछते हैं। किसी किसी को ही भगवान की पहचान याद रहती है, नहीं तो ज्यादा तर लोगों को भगवान की पहचान भूल जाती है। मंदिर जाना छोड़ देते हैं।
राम और कृष्ण दोनों एक ही पूर्ण ब्रह्म परमात्मा के स्वरूप हैं। भगवान के स्वरूप में धाम में लीला में कभी अंतर नहीं मानना। भगवान के किसी भी नाम में भेद नहीं करना, यह छोटा यह बड़ा। माता-पिता बच्चों को पढ़ाएं, यह अच्छी बात है लेकिन भगवद् प्राप्ति का भी रास्ता जरूर दिखाएं नहीं तो चरित्रहीन होकर परिवार पर बोझ बन जाएंगे।