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‘बजट में सिलाई अध्यापिकाओं को रेगुलर करने के लिए कोई प्रावधान नहीं’

08:59 AM Feb 20, 2024 IST
शिमला में सोमवार को एसएमसी अध्यापक अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर नारेबाजी करते हुए। -ललित कुमार

सोलन, 19 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश सिलाई-कटाई एवं पंचायत सहायिका कर्मचारी संघ की प्रांत कार्यकारिणी की बैठक प्रांत अध्यक्ष सरिता कंवर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रदेश के समस्त विकास खंडों की पंचायतों में पंचायत सहायक के रूप में सेवा प्रदान कर रही सिलाई-कटाई अध्यापिकाओं की मांगों पर चर्चा की गई। सरिता कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक बार फिर बजट-2024 में सिलाई अध्यापिकाओं को नियमित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है जो हमारे साथ अन्याय है। समस्त सिलाई अध्यापिकाएं सितंबर 2017 से ग्रामीण विकास विभाग के नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक कार्य करती आ रही है। प्रदेश सरकार ने अक्तूबर-2022 से दैनिक वेतन भोगी घोषित न कर केवल न्यूनतम दैनिक वेतन दर से वेतन दे रही है। 20-25 वर्ष काम करने के पश्चात सिलाई-कटाई की बहुत बहने खाली हाथ बिना सेवानिवृति का लाभ लिए सेवानिवृत्त हो गई है।

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ये हैं संघ की मांगे...

संघ ने सीएम व पंचायतीराज मंत्री मांग की है कि पहली सितंबर 2017 से समस्त सिलाई अध्यापिकाओं को दैनिक भोगी बनाया जाए और ग्रामीण विकास विभाग में रिक्त पड़े पदों पर वरिष्ठता एवं शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सिलाई-कटाई अध्यापिकाओं को समायोजित किया जाए। संघ यह भी मांग करता है कि हम महिलाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें जीपीएफ स्कीम के साथ जोड़ कर अंशदान की कटौती की जाए। संघ ने सितंबर 2017 के पश्चात सेवानिवृत्त हुई सिलाई-कटाई अध्यापिकाओं को ग्रेच्युएटी का प्रावधान करके की भी मांग की है। बैठक में संगठन की पालक अधिकारी मीरा शर्मा, मुख्य सलाहकार शिवराम सांख्यान व मीडिया प्रभारी कमलजीत, उपाध्यक्षा सपना शर्मा, उप महासचिव सोनिका ठाकुर, संयुक्त सचिव लीला कंवर, आरती ठाकुर, कोषाध्यक्षा संतोष शर्मा,संगठन सचिव अंबिका शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य रेखा, कमलेश कुमारी, द्रोपती, हरिता, सरोज, शांता देवी, उपस्थित रही।

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