‘सांख्यिकी, डाटा साइंस के बिना प्रगति नहीं’
कुरुक्षेत्र, 23 दिसंबर (हप्र)
सांख्यिकी डाटा साइंस की मजबूत रीढ़ है। वर्तमान समय में चिकित्सा, विज्ञान, शोध, अनुसंधान, जीव विज्ञान, खेल क्षेत्र, भौतिक क्षेत्र सहित कोई भी क्षेत्र सांख्यिकी और डेटा विज्ञान के बिना प्रगति नहीं कर सकता है।
ये विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार ने सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग द्वारा इनोवेटिव ट्रेड इन स्टैटिसटिक्स, ऑप्टिमाइजेशन एंड डाटा साइंस विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के दौरान प्रकट किये। कॉन्फ्रेंस सोमवार को संपन्न हो गई।
इस अवसर पर प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि यह कहना अतिश्ायोक्ति नहीं होगी कि सांख्यिकी सभी विज्ञानों की जननी है। शैक्षणिक संस्थान में एनआईआरएफ रैंकिंग और नैक मूल्यांकन हेतु डाटा विश्लेषण व आंकड़ों का महत्वपूर्ण योगदान है। जब हम नवीनतम उपकरणों का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण करते हैं तो हमें गुणवत्ता में सुधार करने, निर्णय लेने में भी मदद मिलती है। प्रो. राजशेखर रेड्डी ने कहा कि तिरुपति मंदिर के सहयोग से डाटा साइंस सेंटर बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है तथा भविष्य में इस केंद्र में शोधार्थियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित होंगी। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ इस केंद्र को लेकर एमओयू की बात कही। अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. जितेन्द्र खटकड़ ने तीन दिवसीय कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कांफ्रेंस में 15 देशों के विशेषज्ञों द्वारा 22 पूर्ण सत्रों, 47 आमंत्रित सत्रों और 43 तकनीकी सत्रों में 400 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। कांफ्रेंस के समापन अवसर पर प्रो. के श्रीनिवासा राव बेस्ट रिसर्चर अवार्ड आईआईटी धनबाद के प्रो. गजेन्द्र कुमार विश्वकर्मा को, प्रो. सी.आर. राव गोल्ड मेडल एनआईटी राउरकेला के डॉ. सुचंदन कयाल, प्रो. ए.आर. कामत बेस्ट थीसिस अवार्ड आईआईटी तिरुपति की डॉ. अंजना मोंडल को दिया गया। इसके साथ ही यंग सांख्यिकीविद अवार्ड, प्रो. एमएन देशपांड मेमोरियल अवार्ड व एमएससी प्रोजेक्ट प्रतियोगिता के पुरस्कार भी प्रदान किए गए।