हिंदी एवं अन्य भाषाओं में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं, वे सखियां हैं : शाह
नयी दिल्ली, 14 सितंबर (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि राजभाषा हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच कभी कोई प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकती, क्योंकि वे सखियां हैं और एक-दूसरे की पूरक हैं।
शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार तब तक नहीं हो सकता जब तक अन्य सभी भारतीय भाषाओं को मजबूत नहीं किया जाता और राजभाषा उन सभी के साथ संवाद स्थापित नहीं करती।
शाह ने कहा, ‘हम हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता मिलने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हीरक जयंती मना रहे हैं। हिंदी के जरिए हम अपनी संस्कृति, भाषाओं, साहित्य, कला एवं व्याकरण के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’ शाह ने कहा कि हिंदी भू-राजनीतिक भाषा से अधिक भू-सांस्कृतिक भाषा है। उन्होंने कहा कि उनके दोनों मंत्रालयों- गृह और सहकारिता की फाइल के माध्यम से सभी संचार हिंदी में किए जाते हैं। शाह ने कहा, ‘इस स्तर तक पहुंचने में तीन साल लगे।’ इससे पहले, शाह ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान सभा की भावना यह थी कि देश के सभी नागरिकों को एक-दूसरे के साथ किसी भारतीय भाषा में संवाद करना चाहिए, चाहे वह हिंदी हो, तमिल हो, तेलुगु हो, मलयालम हो या गुजराती।
राजस्थान में हिंदी में भी मेडिकल पढ़ाई का विकल्प
जयपुर : राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल के विद्यार्थियों को हिंदी माध्यम में भी पढ़ाई करने का विकल्प मिलेगा। राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के बयान के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सरकार की बजट घोषणा को पूरा करते हुए हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी माध्यम में भी चिकित्सा शिक्षा शुरू किए जाने की सूचना जारी कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने एक बयान में बताया कि पहले चरण में मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज-जोधपुर और बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा शुरू की गई है। इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को विकल्प के आधार पर अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों माध्यमों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सकेगा।