समाज में वैज्ञानिक चिंतन की सख्त जरूरत
यमुनानगर, 24 नवंबर (हप्र)
तर्कशील सोसायटी का राज्यस्तरीय सेमिनार रविवार को को एक होटल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से आये डाॅ़ सुभाष चंद्र ने समाज में वैज्ञानिक चिंतन की जरूरत पर बल दिया और विस्तार से संविधान में इसके उल्लेख का कारण बताया। प्रो राजेश शर्मा ने इतिहास में वैज्ञानिक चेतना की यात्रा पर प्रकाश डाला और आज के संदर्भ में विवेचना की।
एडवोकेट बलबीर सिंह ने भौतिकवादी सिद्धांत के मूलभूत कारकों और जरूरत पर अपनी बात रखी। संस्था के महासचिव बलजीत भारती ने और प्रधान राजेश पैगा ने आज के माहौल में तर्कशीलता की जरूरत पर प्रभावी ढंग से अपनी बात रखी। राजेश बिन्द्रा ने तर्कशीलता को सामाजिक और राजनीतिक जीवन में उतारने की बात कही। बलदेव सिंह मेहरोक और परविंदर ने भी अपने विचार सांझा किए। बलदेव महरोक द्वारा लिखित काव्य संग्रह ‘बात है पर छोटी सी’ का भी विमोचन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बुद्धजीवी वर्ग और युवाओं ने शिरकत की। समाजसेवी लक्ष्मण विनायक और निर्मल चौहान भी इस सेमिनार का हिस्सा बने।
सेमिनार की शुरुआत में दिवंगत साथी सुरेंद्र पाल सिंह के असमय निधन पर मौन रखा गया। मंच संचालन राजेश बिंद्रा ने किया।