विधानसभा उपचुनाव जालंधर पश्चिम में बहुकोणीय मुकाबले के आसार
जालंधर, 9 जुलाई (एजेंसी)
पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर बुधवार को होने वाले उपचुनाव को मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के खराब प्रदर्शन के बाद उपचुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। जालंधर पश्चिम एक आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है। यहां ‘आप’, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवारों के बीच बहुकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। जालंधर पश्चिम सीट शीतल अंगुराल के ‘आप’ विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी। यहां बुधवार को होने वाले उपचुनाव में कुल 15 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। वोटों की गिनती 13 जुलाई को की जाएगी।
पंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने यहां मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है, जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। भगत पिछले साल भाजपा छोड़ ‘आप’ में शामिल हो गए थे। भगत ने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर जालंधर पश्चिम सीट से किस्मत आजमाई थी, हालांकि, उन्हें दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर पर दांव लगाया है, जो जालंधर की पूर्व वरिष्ठ उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं।
दूसरी ओर, भाजपा ने शीतल अंगुरल को मैदान में उतारा है, जो मार्च में ‘आप’ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी तरह, सुखबीर बादल के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने सुरजीत कौर को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी ने बाद में उनसे समर्थन वापस ले लिया। शिअद ने जालंधर पश्चिम उपचुनाव में बसपा उम्मीदवार बिंदर कुमार का समर्थन करने की घोषणा भी कर दी। हालांकि, बादल के खिलाफ बगावत करने वाले शिअद नेताओं का एक समूह उपचुनाव में कौर का समर्थन कर रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए जीत जरूरी
जालंधर पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में जीत मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए जरूरी है, क्योंकि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में ‘आप’ का प्रदर्शन खराब रहा था और पार्टी पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से महज तीन पर जीत दर्ज कर पाई थी। मान पिछले दो साल अपनी सरकार द्वारा दी गई मुफ्त बिजली और मोहल्ला क्लीनिक जैसी सुविधाओं के नाम पर मतदाताओं से पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। यहां तक कि मान ने जालंधर में किराये पर एक घर ले लिया और अपने परिवार के साथ वहां रहने चले गए।