स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को मुख्यधारा में लाने की जरूरत : शिप्रा
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 1 अगस्त (हप्र)
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा 'स्कूल छोड़ने वालों को रोकने और स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूली शिक्षा से जोड़ने' के लिए क्षेत्रीय स्तर की समीक्षा और परामर्श का आयोजन राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान सेक्टर-26 में किया गया। चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा शिप्रा बंसल ने पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कंवरदीप सिंह के साथ इस जागरूकता कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसमें चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, उत्तराखंड के शिक्षा विभाग और श्रम विभाग के 250 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। इस मौके पर शिप्रा बंसल ने देश के सभी क्षेत्रों को कवर करते हुए इस तरह की परामर्श बैठकें आयोजित करने के लिए यूटी के शिक्षा विभाग और श्रम विभाग की भी सराहना की। उन्होंने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के मुद्दे को उठाने और ऐसे बच्चों को मुख्यधारा में लाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
रूबीना खतीब सिद्दीकी, रिसोर्स पर्सन, एनसीपीसीआर ने स्कूल से बाहर के बच्चों के मुद्दों और चुनौतियों को समझने पर प्रकाश डाला। जबकि पद्मा यादव डीईई, एनसीईआरटी ने प्रतिभागियों को स्कूल से बाहर के बच्चों को शामिल करने और मुख्यधारा में लाने के बारे में बताया। बिंदु अरोड़ा उप निदेशक शिक्षा विभाग ने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। कार्यक्रम के दौरान नवीन शर्मा सहायक श्रम आयुक्त चंडीगढ़, पूनम सूद डीईओ, राजन जैन उप डीईओ, राजविंदर सिंह गिल उप निदेशक और आयोग के कर्मचारी उपस्थित थे।