पादुका सेवा से होती है आनंद की अनुभूति : अनिल सलूजा
कैथल, 30 दिसंबर (हप्र)
मंदिर व धार्मिक कार्यक्रमों में श्रद्धालुओं के जूते, चप्पलों की रखवाली करने वाले अनिल सलूजा इस पादुका सेवा को ही भगवान की सच्ची पूजा मानते हैं। साई भक्त अनिल सलूजा से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वे एक व्यापारी हैं और दिनभर पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपनी दुकानदारी करते हैं। रात को शहर के साईं मंदिर, हरी मंदिर सहित अन्य जगहों पर होने वाले धर्मिक कार्यक्रमों में पादुका सेवा करके उन्हें बड़े सुख और आनंद की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस सेवा से शहर के कई युवा भी इस पादुका सेवा के लिए प्रेरित हुए हैं। सलूजा ने कहा कि एक सप्ताह से साई मंदिर में साई कथा, भजन कार्यक्रम चल रहे हैं। इस कार्यक्रम में वे अपने साईं भक्त साथियों सुशील रहेजा, मुकेश धीमान और महेन्द्र कमरा के साथ मंदिर के बाहर बने एक टेंट केबिन में श्रद्धालुओं के जूतों को एक पॉलीथिन बैग में रख कर टोकन दे देते हैं। साईं कथा के समाप्त होने पर सभी श्रद्धालु साईं बाबा का भंडारा ग्रहण करके इस पादुका केबिन से अपने जूते, चप्पल लेकर घर को चले जाते हैं। सर्दी में जब सभी श्रद्धालु बंद हाल में बैठकर कथा और भजनों का आनंद लेते हैं तो ऐसे में अनिल सलूजा, सुशील रहेजा, मुकेश धीमान और महेन्द्र कामरा मंदिर के बाहर बने पादुका सेवा टेंट में बैठकर टीवी स्क्रीन पर कथा और भजनों को सुनते हैं। अनिल सलूजा ने कहा कि उन्हें यह सेवा करने की प्रेरणा साईं बाबा के साईं सचित्र से मिली।