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और भी ग़म हैं पर्ची-खर्ची के सिवाय

04:00 AM Dec 12, 2024 IST
और भी ग़म हैं पर्ची खर्ची के सिवाय
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शमीम शर्मा

हरियाणा में इस साल जो शब्द सबसे ज्यादा बोला गया, वो है- पर्ची-खर्ची। बिना पर्ची-खर्ची के नौकरियों का मिलना हरियाणा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी गई है। लोग तो यहां तक कहते हैं कि पर्ची-खर्ची ने तीसरी बार सरकार बनवा दी। पर सच्चाई यह है कि खर्ची तो चाहे हरियाणा में बंद हो जाये पर पर्ची का वर्चस्व हमेशा की तरह कायम रहेगा। डॉक्टर की पर्ची में रोगियों के नवजीवन की दवाइयों की सूची होती है तो परीक्षा भवन में बैठे विद्यार्थी की जेब में भरी पर्चियां उसकी नैया पार लगाती हैं। पर्ची चाहे डॉक्टर की हो चाहे परीक्षार्थी की, उनमें एक समानता है कि दोनों ही दिल बिठाने का काम करती हैं। डॉक्टर की पर्ची दवाइयों का बिल बनाती है तो रोगी का दिल बैठता है और परीक्षार्थी को जब यह पता चलता है कि उसकी पर्ची में लिखा सवाल परीक्षा में आया ही नहीं तो विद्यार्थी का दिल बैठने लगता है।
‘उत्तर प्रदेश किसे कहते हैं’ सवाल के जवाब में नकलची ने लिखा था कि वह प्रदेश जहां उत्तर का परीक्षा में बैठने से पहले ही पता चल जाये, उत्तर प्रदेश कहलाता है। जब अध्यापक ने दो बच्चों से पूछा कि तुम्हारे उत्तर एक जैसे कैसे हैं तो बच्चांे का जवाब था कि प्रश्न भी तो एक जैसे ही थे।
जब कभी विद्यार्थी स्कूल न आने की वजह बताता है कि वह बीमार हो गया था तो अध्यापक का फरमान होता है कि कल डाक्टर की पर्ची लेकर आना। उस्ताद बच्चे का जवाब होता है कि उसने तो झाड़ा लगवाया है और एक पर्ची में भभूत मिली है, कहो तो लाऊं? एक नकलची देव के सामने पहुंचा और हाथ जोड़कर बोला- हे प्रभु! इस बार पास करवा दो और सरकारी नौकरी लगवा दो। उसके बिना चढ़ावे के हाथ देखकर उन्होंने पूछा- क्या बात, चढ़ावे के लिये कोई नारियल, सेब, केला नहीं लाये? प्रार्थी बोला- आप कर्म करो, फल की चिंता न करो।
स्कूल-कॉलेज में उसे ही सच्चा मित्र माना जाता है जो समय पर सही प्रश्न की पर्ची पहुंचा दे। यह और बात है कि लड़के तो पर्ची से नकल करने पर उसे एक के बाद दूसरे को देते रहते हैं पर लड़कियां नकल करने के बाद पर्ची को ऐसे पचा जाती हैं जैसे भ्रष्ट करोड़ों डकार जाते हैं और पता भी नहीं चलता।
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एक बर की बात है अक इम्तहान मैं नत्थू कती गुमसुम बैठ्या था। मास्टरणी बोल्ली- रोल नंबर भूल आये बेटा? नत्थू चुप बैट्ठा रह्या। मास्टरणी नैं हटकै बूज्झी- बेटा पैन भूल आये क्या? नत्थू परेशान होकै एकदम चीखता सा बोल्या- चुप हो ज्या बुआ। तेरै पैन अर रोल नंबर की आग लाग री है। उरै मैं पर्ची दूसरे सब्जैक्ट की पाड़ ल्याया।

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