ठियोग पेयजल घोटाला परिषद सदस्य ने मांगा उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा
शिमला, 8 जनवरी (हप्र)
शिमला जिला के ठियोग में पेयजल घोटाले का मामला बुधवार को शिमला जिला परिषद की बैठक में भी गूंजा। बचत भवन शिमला में आयोजित जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक में पानी घोटाले पर जमकर हंगामा हुआ। नारकंडा वार्ड से जिला परिषद सदस्य सुभाष कैंथला ने बैठक शुरू होते ही यह मसला उठाया, जिसके बाद मामले पर कांग्रेस और भाजपा समर्थित सदस्य एक दूसरे के आमने-सामने आ गए। इस दौरान दोनों पक्षों में खूब नोकझोंक हुई। इस दौरान सुभाष कैंथला बैठक में कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए। सुभाष कैंथला ने इस घोटाले में विधायक के भी शामिल होने के आरोप लगाए। उन्होंने इस घोटाले में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्िनहोत्री से भी इस्तीफा मांगा।
जिला परिषद अध्यक्ष चन्द्र प्रभा नेगी ने जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी सदस्यों द्वारा जनकल्याण से संबंधित कार्यों की पैरवी की जाती है। इसलिए सभी अधिकारी इन प्रस्तावों को गंभीरता से लें ताकि लोगों को अधिक से अधिक लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों, खासकर जिनसे सम्बंधित मुद्दे बैठक में उठाये जाने हैं, को जिला परिषद की बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए।
बैठक में सभी सदस्यों ने जिला परिषद के कोरम से सांसद और विधायकों को बाहर करने का प्रस्ताव रखा और इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात करने का सुझाव दिए। उल्लेखनीय है कि जिला परिषद् की बैठक में न ही कभी सांसद उपस्थित होते हैं और न ही विधायक जिससे बैठक का कोरम पूरा नहीं हो पता और मामलों को अनुमोदित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
जिला परिषद सदस्य नीमा जस्टा के चौपाल क्षेत्र में ग्राम पंचायत सरांह में पौध संरक्षण उप-केंद्र अथवा उद्यान प्रसार केंद्र खोलने बारे प्रस्ताव पर बताया गया कि इसकी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है और इसमें विभिन्न पद भी सृजित करने होंगे।
जिला परिषद सदस्य विशाल ने कहा कि मनरेगा में 70 प्रतिशत कार्य सार्वजनिक व 30 प्रतिशत कार्य व्यक्तिगत होते हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा का 20 प्रतिशत बजट जल संरक्षण के लिए रखा जाना चाहिए।
जिला परिषद सदस्य मदन लाल वर्मा तथा अन्य सदस्यों के आग्रह पर अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने सभी खंड विकास अधिकारियों को 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत खर्च न हुई राशि का पूर्ण ब्यौरा एक सप्ताह के भीतर देने के निर्देश दिए।
नशे के कारोबार में लिप्त 1350 लोग हिरासत में
पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में युवा पीढ़ी को नशाखोरी की समस्या से बचाने के लिए पंचायत जनप्रतिनिधि पुलिस प्रशासन का सहयोग करते रहें ताकि इस समस्या से निजात मिल सके। उन्होंने बताया कि दो साल पहले नशे के प्रचलन का मुद्दा जिला परिषद की बैठक में उठाया गया था और तब से लेकर वह और उनकी पूरी टीम इसके खात्मे के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 2 साल में नशे के कारोबार में लिप्त 1350 लोगों को हिरासत में लिया गया और 750 केस रजिस्टर किये गए हैं।