हमारे नुकसान में उनका मुनाफे का कारोबार
सहीराम
देखो जी, हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। इसे अगर आप तटस्थ और संतुलित नहीं, तो सुरक्षित नजरिया तो अवश्य ही मान सकते हैं। इससे आप विवाद से बच जाते हैं, पक्षपाती कहलाने से बच जाते हैं और मौके-बेमौके पिटने से भी बच जाते हैं। इसे आप एक तरह से आयुर्वेदिक नुस्खा कह सकते हैं। इसके लिए आपको बाबा रामदेव बनने की जरूरत नहीं है। हालांकि आयुर्वेद का धंधा चलाने के फायदे उठाने के बाद अब सर्वोच्च न्यायालय की मेहरबानी से उन्हें उसके नुकसान भी समझ में आने लगे होंगे।
खैर, अब लीक का मामला ही लीजिए। अभी तक सब लोग इसके नुकसान ही बताने में लगे थे। बेचारे छात्रों को फायदा अभी भी नहीं हुआ, बल्कि अब तो उस मुद्दे को कोई याद भी नहीं कर रहा। इस मामले में सरकार का रवैया एकदम धांसू है- काहे को झंझट में पड़ने का- थक हारकर सब अपने आप चुप होकर बैठ जाएंगे। वैसे भी आंदोलन चलाने वाला हर तबका किसान तो होता नहीं है कि बरसों-बरस आंदोलन चलाता रहे और झुके तो सरकार ही झुके। खैर, वो मामला राजनीतिक हो जाएगा। हम तो लीक की बात कर रहे थे। अब पेपर लीक को ही लीजिए।
पेपर लीक का अगर छात्रों को नुकसान होता है तो सरकार को फायदा भी तो होता है। एक पेपर दस बार लीक हो जाए तो दस बार फीस सरकारी खजाने में आती है। सरकार नए शिक्षण संस्थान खोलने से बच जाती है। फिर छात्रों के पेपर लीक से कोचिंग सेंटर भी तो फलते-फूलते हैं, आप यह क्यों नहीं देखते। नुकसान तो अकेले छात्रों और अभिभावकों का ही होता है, पर फायदा सरकार और कोचिंग सेंटर दोनों का होता है और हां पेपर करवाने वाली एजेंसियों का भी फायदा होता है। दस बार पेपर लीक हो तो दस बार पेपर कराने का ठेका मिलता है। अगर पेपर लीक नौकरियों का हो तो सरकार नए कर्मचारी रखने और उन्हें वेतन देने से बच जाती है। यह क्या कम फायदा है। न कर्मचारियों की छंटनी करने का झंझट और न रिटायरमेंट पर पेंशन के झंझट। नौकरियों के पेपर लीक होने से ठेके पर कर्मचारी रखे जाते हैं, इससे ठेकेदारों का फायदा। आउटसोर्सिंग वाली एजेंसियों का फायदा। देखिए कितने लोगों का फायदा होता है।
कोई टनल लीक करने लगे तो ठेकेदारों और इंजीनियरों का फायदा। कोई नवनिर्मित मंदिर लीक करने लगे तो मंदिर ट्रस्ट का फायदा क्योंकि और ज्यादा चंदा मिलेगा। मेरे आराध्य का मुकुट भीग रहा है- टाइप की एक करुण-सी अपील कर दी जाए तो और ज्यादा चढ़ावा आएगा। हवाई अड्डे की छत लीक होने लगे तो उसका निजीकरण करना आसान हो जाता है जिससे बड़े सेठों का फायदा होता है। फायदे ज्यादा हैं!