थिएटर कमांड : तीनों सेनाओं के शीर्ष अफसरों का होगा समान मूल्यांकन
मुख्य अंश
- अगले तीन महीने में लागू होगा नियम
अभी एसीआर के लिए हैं अलग मानक
अजय बनर्जी/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 16 जून
भारतीय सशस्त्र बलों ने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) के लिए एक समान प्रारूप अपनाने का निर्णय लिया है, जिससे उनमें से प्रत्येक की क्षमताओं का एक जैसा मूल्यांकन हो सके। यह नया नियम मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों और भारतीय वायुसेना व भारतीय नौसेना में समान रैंक के अधिकारियों के लिए लागू होगा। सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि यह नियम अगले तीन महीने में लागू होगा। वर्तमान में तीनों सेनाएं एसीआर के लिए अलग-अलग पैरामीटर अपनाती हैं।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि भारतीय सशस्त्र बल थिएटर कमांड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। एसीआर का एक जैसा मूल्यांकन संयुक्त ट्राई-सर्विस कमान में अधिकारियों को तैनात करने में मददगार साबित होगा। सूत्रों ने कहा कि सामान्य मापदंडों की नयी मूल्यांकन प्रणाली ट्राई-सर्विस नियुक्तियों में कार्यों के लिए है, जिनकी पहचान सशस्त्र बलों में की गई है। सूत्रों ने कहा कि यह कदम सशस्त्र बलों में संयुक्तता और एकीकरण लाने के लिए उठाया गया है। वर्तमान में, संयुक्त या ट्राई-सर्विस नियुक्तियों में पोस्टिंग के लिए ट्राई-सर्विस संगठनों में नियुक्ति की चयन प्रणाली प्रत्येक सेवा द्वारा निर्धारित मापदंडों पर आधारित है। सूत्रों के अनुसार, सशस्त्र सैन्य गतिविधियां संयुक्त रूप से आग बढ़ें, इसलिए अधिकारियों की तैनाती के लिए यह कदम जरूरी था।
वर्तमान में ट्राई-सर्विस संगठनों में अंडमान एवं निकोबार कमान, सामरिक बल कमान और सैन्य मामलों के विभाग शामिल हैं, जिनका नेतृत्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ करते हैं। हाल के दिनों में 2 नये डिवीजन डिफेंस स्पेस एजेंसी और डिफेंस साइबर एजेंसी को ट्राई-सर्विस संगठन के रूप में बनाया गया। पिछले महीने, अत्याधुनिक स्तर पर तीन सशस्त्र बलों को एकीकृत करने की दिशा में कदम उठाते हुए थल सेना के अधिकारियों को भारतीय वायु सेना और नौसेना इकाइयों में तैनात किया गया है।