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युवाओं ने सिर्फ साइंस स्ट्रीम की पात्रता पर जताया कड़ा विरोध

06:42 AM Jan 20, 2025 IST
युवाओं ने सिर्फ साइंस स्ट्रीम की पात्रता पर जताया कड़ा विरोध
सांकेतिक फोटो
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रामपुर बुशहर,19 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दो वर्षीय वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रशिक्षण के लिए नए सत्र 2024-26 से साइंस स्ट्रीम की पात्रता पर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने कड़ा विरोध जताया है। युवा हिमेश, गुंजन, राहुल, कृति ,सपना, बबित, अरुण, दीक्षित, सूरज, विवेक, राहुल, स्वीटी, प्रेरणा तथा कैलाश आदि का कहना है कि सरकार द्वारा प्रदेश में नए वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रशिक्षण संस्थानों को दी गई मान्यता के बाद पिछले सत्र में इस प्रशिक्षण के लिए साइंस स्ट्रीम की पात्रता के बजाय सभी संकाय को छूट दिये जाने से हजारों युवाओं को इस प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त हुआ और इस प्रशिक्षण से उनके लिए सरकारी सेवा के अलावा स्वरोजगार के द्वार भी खुले हैं। मगर अब जब वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रशिक्षण के लिए अगले बैच 2024-26 की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई तो सरकार ने इस प्रशिक्षण के लिए नए नियम के अनुसार अब केवल साइंस संकाय में 55 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण छात्रों को ही प्रवेश की पात्रता के आदेश जारी कर दिए, जिससे इस प्रशिक्षण के लिए दाखिले के इंतजार में बैठे आर्ट्स व अन्य संकाय के सैकड़ों युवा हताश हो गए। युवाओं का कहना है कि वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रशिक्षण को लेकर सरकार ने नए सत्र में प्रवेश के लिए जो साइंस संकाय मेडिकल की पात्रता रखी है, वह प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के हित में बिल्कुल भी सही नहीं है।
वहीं प्रदेश वेटरनरी फार्मासिस्ट संस्थान संचालक एसोसिएशन ने भी इस बारे में कई बार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर गुहार लगाई कि वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रशिक्षण के लिए पहले की भांति सभी स्ट्रीम में 55 प्रतिशत अंक उत्तीर्ण युवाओं को अवसर प्रदान किया जाए। संघ की कार्यकारिणी के डॉ. भूपेश, चंद्रशेखर, डॉ. मुकेश, कमल, प्रेम डोगरा, राजेश ठाकुर तथा पूजा ठाकुर सहित संघ की समस्त कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू व उनकी कैबिनेट से गुहार लगाई है कि वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रशिक्षण के लिए प्रवेश की पात्रता को पूर्व की भांति सभी संकाय के लिए यथावत रखा जाए और ओबीसी के युवाओं को आरक्षण के साथ 5 प्रतिशत अंकों और उम्र में छूट दी जाये ताकि प्रदेश के हजारों युवाओं को इस प्रशिक्षण का सीधा लाभ प्राप्त हो और उन्हें सरकारी सेवा के अलावा स्वरोजगार में भी स्वावलंबी बनने के अवसर प्राप्त हो सकें।

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