मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

दुनिया मान रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का समाधान भारत के मानवीय मूल्यों में पाया जा सकता है : मोदी

02:10 PM Sep 11, 2021 IST

अहमदाबाद, 11 सितंबर (एजेंसी)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज दुनिया यह मानने लगी है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान भारत द्वारा सिखाए गए मानवीय मूल्यों में पाया जा सकता है। उन्होंने हमलों की 20वीं बरसी पर कहा कि ‘9/11′ की तारीख को मानवता पर प्रहार के लिए याद किया जाता है और इसने हमें कई चीजें सिखाई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में सरदारधाम भवन का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोकार्पण किया जहां पर रोजगार के आकांक्षियों और छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने सरदार धाम – द्वितीय चरण के कन्या छात्रावास का भूमि पूजन भी किया। उन्होंने कहा कि आज 11 सितंबर यानी 9/11 है। दुनिया के इतिहास की एक ऐसी तारीख जिसे मानवता पर प्रहार के लिए जाना जाता है, लेकिन इसी तारीख ने पूरे विश्व को काफी कुछ सिखाया भी। एक सदी पहले ये 11 सितंबर 1893 का ही दिन था जब शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के ही दिन स्वामी विवेकानंद ने उस वैश्विक मंच पर खड़े होकर दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया था। आज दुनिया ये महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान, मानवता के इन्हीं मूल्यों से ही होगा। उन्होंने कहा कि इन आतंकवादी हमलों से मिली सीख को हमें याद रखना है तो हमें पूरे विश्वास के साथ मानवीय मूल्यों के लिए प्रयास करते रहना होगा। मोदी ने तमिल कवि सुब्रमण्य भारती की पुण्यतिथि पर तमिल अध्ययन की चेयर गठित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर मैं एक महत्वपूर्ण घोषणा भी कर रहा हूं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सुब्रमण्य भारती जी के नाम से एक चेयर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। तमिल अध्ययन पर ‘सुब्रमण्य भारती चेयर’ बीएचयू के फेकल्टी ऑफ आर्ट्स में स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि आज भारत के महान विद्वान, दार्शनिक और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्य भारती की सौंवी पुण्यतिथि है। सरदार (पटेल) साहब ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की जो कल्पना की थी वही दर्शन महाकवि भारती की तमिल रचनाओं में पूर्ण देवत्व के साथ दैदीप्यमान हो रहा है।

Advertisement

 

 

Advertisement

Advertisement
Tags :
त्रासदियोंदुनियामानवीयमूल्योंसमाधान