For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पूरी दुनिया ने देखा भारतीय सेना का पराक्रम : घनश्याम सर्राफ

07:38 AM Jun 10, 2025 IST
पूरी दुनिया ने देखा भारतीय सेना का पराक्रम   घनश्याम सर्राफ
भिवानी में सोमवार को दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते विधायक घनश्याम सर्राफ। -हप्र
Advertisement

भिवानी, 9 जून (हप्र)
महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा की पुण्यतिथि के अवसर पर पंचायत भवन में जिला प्रशासन के तत्वावधान में साहित्यकार मित्र मंडली द्वारा सिंदूर वंदन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस दौरान पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादी हमले का करारा जवाब देने वाली भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित रहा। कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से भारतीय सेना को नमन किया और पाकिस्तान को चेताया।
भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए तथा अध्यक्षता उपायुक्त महावीर कौशिक ने की। एसपी मनबीर सिंह ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। संचालन वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डॉ. रमाकांत शर्मा ने किया।
कवि सम्मेलन में अपना संदेश देते हए विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि शहर में पंडित नेकीराम शर्मा चौक का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस कार्य पर जितनी भी धनराशि की जरूरत होगी, वह दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और इसे पूरी दुनिया ने देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सशक्त हो रहा है।
इस मौके पर पूर्व विधायक डॉ. शिवशंकर भारद्वाज ने पंडित नेकीराम शर्मा के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंडित नेकीराम शर्मा महान स्वतंत्रता सेनानी थे। वे निडर, साहसी और प्रखर वक्ता थे। उन्होंने अपना जीवन बड़े ही सादगी के साथ जीया। उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने भिवानी के मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित नेकीराम शर्मा के नाम रखने पर प्रदेश सरकार का आभार जताया।
साहित्यकार मित्र मंडली के अध्यक्ष एवं चिकित्सक और कवि डॉ. शिव कांत शर्मा ने सभी अतिथियों और कवियों का स्वागत किया। कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से सेना को नमन करने के साथ साथ हास्य और प्रेम रस की कविताओं से श्रोताओं को गुदगुदाने का भी काम किया। वयोवृद्ध कवि बिजेंद्र गाफिल ने अपनी कविता की लाइनें कुछ इस प्रकार पढ़ी कि ‘अश्क को झिंझोड़कर तो देखा जाए, आईने को तोड़कर तो देखा जाए- तो क्या मेरा भगवान मुझसे खुश हुआ- नारियल को फोड़कर तो देखा जाए। चिकित्सक एवं कवि डॉ. शिव कांत शर्मा ने हास्य रस से भरी अपनी रचना सुनाई कि ‘ठाढा मारै रोण ना दे, तू के कर ले मैं के कर लूं, बरसे कोन्या काल गेर दे, के बरसे यो रोज झमाझम, बीज बाजरा बोण ना दे।
कवि सम्मेलन में अपना संदेश देने के दौरान उपायुक्त महावीर कौशिक ने एक रागनी की चंद लाइनेें पेश की और उन्होंने बिना साज बाज के ही रंग जमाया। डीसी ने वर्तमान परिवेश पर आधारित एक रागनी की लाइनें इस प्रकार पढ़ी कि ‘नकली दुनिया दो रंगी का झूठा बाजे बोल आड़ै, जिंदा की कोए कद्र नहीं सै, मरे हुआ का मोल आड़ै।’

Advertisement

Advertisement
Advertisement