शिमला में दुनिया के दूसरे सबसे लंबे रोपवे का रास्ता साफ
शिमला, 14 अक्तूबर(हप्र)
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रस्तावित दुनिया के दूसरे सबसे लंबे रोपवे के निर्माण को न्यू डेवलेपमेंट बैंक (एनडीबी) की हरी झंडी मिल गई है। बैंक ने इस महत्वकांक्षी रोपवे के निर्माण के लिए टेंडर करने की इजाजत दे दी है और अब इसके लिए जल्द ही टेंडर होंगे। इस रोपवे के निर्माण पर 1734.40 करोड़ की लागत आएगी और यह राशि न्यू डेवलपमेंट बैंक देगा।
शिमला में प्रस्तावित इस रोपवे की लंबाई 13.79 किमी होगी। रोपवे तारादेवी से मैहली तक बनेगा। शिमला में बनने वाला यह रोपवे अपने आप में एक आकर्षण होगा। इसके बनने से शिमला मेें ट्रैफिक जाम से काफी हद तक निजात मिलेगी। गौरतलब है कि दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बोलीविया में है। बोलीविया में रोपवे की लंबाई 32 किमी है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर रोपवे के अग्रिम टेंडर लगाने की अनुमति देने की जानकारी साझा की है।
मुकेश अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि शिमला रोपवे के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हो गया है। मुकेश ने लिखा कि 13.79 किलोमीटर दूरी वाला यह विश्व का दूसरा और भारत का पहला सबसे लंबा रोपवे होगा। इस रोपवे के निर्माण का जिम्मा हिमाचल प्रदेश में रोपवे एंड रैपिड सिस्टम डेवलपमेंट कारपोरेशन के पास है। शिमला में प्रस्तावित तारादेवी- मैहली रोपवे के अलावा प्रदेश में बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध में रोपवे बनाने को लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके अलावा बगलामुखी मंदिर में रोपवे बन कर तैयार हो चुका है।
रोपवे में शुरुआत में होंगी 220 ट्राली
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एनडीबी की मदद से बनने वाले रोपवे में शुरुआत में 220 ट्राली होंगी जो परियोजना के पूरा होने पर 660 तक की संख्या में होंगी। रोपवे मार्ग में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही शुरुआती तौर पर रहेगी। दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे।
रोपवे में तारादेवी, चक्कर कोर्ट परिसर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास बोर्डिंग स्टेशन चिन्हित किए गए हैं।