दीवारें ऊंची, बख्तरबंद वाहन तैनात करने को मजबूर हुई पुलिस
रवि धालीवाल/ ट्रिन्यू
गुरदासपुर/बटाला, 16 दिसंबर
पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र के पुलिस स्टेशनों पर हथगोले और आईईडी हमलों ने पुलिस के समक्ष न सिर्फ गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने, बल्कि लोगों का विश्वास बहाल करने की चुनौती भी खड़ी कर दी है। गुरदासपुर, अमृतसर और बटाला पुलिस जिलों के दायरे में आने वाले पुलिस प्रतिष्ठानों की चारदीवारी की ऊंचाई कई फीट तक बढ़ाने, बख्तरबंद वाहनों से उनकी सुरक्षा करने और रात 10 बजे के बाद गेट बंद करने जैसे उपाय किये जा रहे हैं। पुलिस इन प्रतिष्ठानों के सामने से गुजरने वालों पर कड़ी निगरानी रख रही है। डेरा बाबा नानक जैसे सबसे संवेदनशील पुलिस स्टेशनों पर जोर दिया जा रहा है। करतारपुर कॉरिडोर इस पुलिस स्टेशन के दायरे में आता है। पीएपी कमांडो को रणनीतिक स्थानों पर पहले ही तैनात किया जा चुका है।
पिछले 20 दिनों में हमले की कम से कम पांच घटनाएं सामने आ चुकी हैं। गत 13 दिसंबर को बटाला पुलिस जिले के घनैया-के-बांगर पुलिस स्टेशन परिसर में धमाका हुआ था। कई लोगों का कहना है कि यह हैंड ग्रेनेड था, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की। एसएसपी रैंक के एक अधिकारी ने कहा, ‘इन हमलों के पीछे जो गैंगस्टर हैं, उनका बब्बर खालसा इंटरनेशनल या खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से कोई लेना-देना नहीं है।