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जिन गांवों के कारण गिरा जिले का लिंगानुपात, वह विभाग के राडार पर

09:43 AM Oct 18, 2023 IST
जिन गांवों के कारण गिरा जिले का लिंगानुपात  वह विभाग के राडार पर
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जींद, 17 अक्तूबर (हप्र)
जिले के जिन 15 गांवों ने जिले का लिंगानुपात बिगाड़ा है, वे गांव और इन गांवों में तैनात स्वास्थ्य विभाग का संबंधित स्टाफ अब स्वास्थ्य विभाग के राडार पर हैं। इन गांवों का लिंगानुपात बेहद खराब होने के तमाम कारणों की जांच में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। इस सिलसिले में जींद में पीएनडीटी के प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया ने मंगलवार को ऐसे कई गांवों का दौरा किया, जिनका लिंगानुपात बेहद खराब रहा है।
जींद जिले की जनवरी से अगस्त महीने तक लिंगानुपात के मामले में पूरे प्रदेश में बादशाहत कायम रही। जिला लिंगानुपात में जनवरी से अगस्त तक पूरे प्रदेश में प्रथम रहा। सितंबर में आकर जींद जिले का लिंगानुपात गिरा और जिला प्रदेश में पहले स्थान से लुढ़क कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया। इस तरह की स्थिति क्यों बनी और किन गांवों के कारण बनी, इसकी जांच और पहचान में स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से जुट गया है। जिले के जिन 15 गांवों का लिंगानुपात सबसे कम रहा, उनमें माखंड का लिंगानुपात 256, बहबलपुर, सिंसर, बिधराना, रजाना कलां का लिंगानुपात 500 रहा। देवरड का 514, भागखेड़ा का 526, हथो का 536, बिरोली का 550, डोहाना खेड़ा का 567, जुलानी और शामलो कलां का 571, गुलकनी और सुलहेडा का 579, लुदाना का 586 रहा है। जिले के यह वह 15 गांव हैं, जिनका लिंगानुपात जिले में सबसे खराब रहा है। इन गांवों के कारण ही जींद जिला लिंगानुपात में प्रदेश में पहले स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है।

खराब लिंगानुपात वाले गांव विभाग के रडार पर

जिले के जिन 15 गांवों का लिंगानुपात सबसे खराब रहा है, वह गांव अब स्वास्थ्य विभाग के राडार पर आ गए हैं। इन गांवों में लिंगानुपात इतना खराब क्यों रहा, इसकी तरह में जाने के प्रयास में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। पीएनडीटी के प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया ने मंगलवार को हथो समेत दूसरे कुछ उन गांव का दौरा किया, जिनका लिंगानुपात बेहद खराब रहा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के संबंधित कर्मचारियों को इस सिलसिले में कारण बताओ नोटिस जल्द जारी करने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि विभाग इस बात का पता लगाएगा कि इन गांवों में कहीं पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।

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ऐसे भी गांव हैं, जो दूसरों को दिखा रहे राह

जींद जिले के 15 गांव ऐसे भी हैं, जो लिंगानुपात के मामले में दूसरे गांवों को राह दिखा रहे हैं। इन गांवों में अंबरसर, सुंदरपुरा और अहिरका का लिंगानुपात 2000, हाड़वा का 2286, शादीपुर का 1889, पिपलथा का 1870, अनूपगढ़ का 1857, सुदकैन कलां का 1833, खरक बूरा का 1750, दुडाना का 1667, मुआना का 1606, सेंथली का 1588, फूलिया कलां का 1556, भिड़तना का लिंगानुपात 1550 है।

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