पीड़ित नाबालिग युवकों व ग्रामीणों ने इंस्टीट्यूट’ के समक्ष दिया धरना
डबवाली, 2 अगस्त (निस)
‘वर्क वीज़ा’ के लिए 15 लाख रुपए वसूल कर ‘टूरिस्ट वीज़ा’ थमाने का मामला सड़क पर पहुंच गया है। पुलिस की धीमी कार्रवाई के मध्य दोनों पीड़ित युवक व गांव वासियों द्वारा शुक्रवार को पीएनबी बैंक के निकट स्थित ‘यूनिक ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट’ के आगे टैंट गाड कर धरना लगा दिया। पीडितों ने 15 जुलाई को एसपी डबवाली के को लिखित शिकायत की गयी थी। धरना लगने पर इंस्टीट्यूट स्टाफ ने संभावित खतरे के चलते हेल्प लाइन पर कॉल करके पुलिस को बुला लिया। सब-इंस्पेक्टर सुभाष ने पीड़ितों को कार्रवाई का भरोसा दिया। परन्तु पीड़ित रुपए वापिस न मिलने तक धरना जारी रखने की बात अडिग रहे। जिस पर पुलिस वापस चली गई। युवक गुरशरन व चरनजीत वासी देसूजोधा ने बताया कि ‘यूनिक ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट’के संचालक गुरलाल सिंह वासी देसूजोधा ने उनसे यूरोप के रोमानिया के वर्क वीजा के लिए 15 लाख रुपए ले लिए। बाद में उन्हें एशिया के अरमेनिया का टूरिस्ट वीज़ा थमा दिया। युवकों ने कहा कि खुलासा होने पर उन्होंने एसपी डबवाली को शिकायत की। चरनजीत के अनुसार पुलिस पड़ताल के अंतर्गत देसूजोधा चौकी के प्रभारी व उनके गांव के सौ-डेढ़ सौ लोगों की मौजूदगी में पंचायत हुई थी। जिसमें संचालक गुरलाल सिंह ने वर्क वीज़ा के लिए वसूले 15 लाख रुपए में से 12.35 लाख रुपए वापस देने की बात मानी थी। बाद में गुरलाल अपनी बात से मुकर गया। यूनिक इंस्टीट्यूट के संचालक गुरलाल ने पीड़ित युवकों गुरशरन व चरनजीत सिंह द्वारा यूपीए किये 4. 5 लाख रुपए को कबूलते हुए कहा कि वह रकम टूरिस्ट वीज़ा, डालर तबदीली, होटल बुकिंग, रिटर्न टिकट व कंसल्टेंसी फ़ीस थी। इसके इलावा उसके कोई नगद रकम नहीं आई। उसने दोनों को आनलाइन वीजा चैक करवाया था।