इंडक्शन प्रोग्राम में विद्यार्थियों को बतायी ज्ञान और कौशल का उपयोगिता
रोहतक, 12 सितंबर (हप्र)
शिक्षा का सही उद्देश्य शिक्षित होकर समाज तथा राष्ट्र की सेवा करना है। यदि अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग सामाजिक तथा सामुदायिक सराकारों के लिए नहीं किया जाए, तो वो शिक्षा-ज्ञान अपूर्ण है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने मंगलवार को विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के नव प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों के लिए टैगोर सभागार में आयोजित दो दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम के दूसरे दिन अपने अध्यक्षीय भाषण में यह बात कही। इंडक्शन प्रोग्राम के दूसरे दिन टैगोर सभागार में प्रेरक वक्ता, पूर्व भारतीय प्रशासनिक अधिकारी विवेक अत्रे ने विद्यार्थियों को कॅरियर तथा जीवन प्रबंधन का रोड मैप साझा किया। विवेक अत्रे ने कहा कि पैसा तथा सत्ता शक्ति ही जीवन में खुशी का कारण नहीं हो सकते, बल्कि सच्ची खुशी व्यक्ति में स्वयं अंतर निहित है। जीवन में इनोवेटिव बनने, प्रेरणादायी व्यक्तियों, पुस्तक, सिनेमा-साहित्य से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने, तथा खुद अभिप्रेरणा के साथ जीवन पथ पर अग्रसर होने का मंत्र विवेक
अत्रे ने दिया।