फ्रांस में बजी धुन- सारे जहां से अच्छा...
पेरिस, 14 जुलाई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के तहत आयोजित बैस्टिल दिवस परेड में शुक्रवार को राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस मौके पर फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान भी ‘फ्लाईपास्ट' में शामिल हुए। ‘सारे जहां से अच्छा' की धुन पर मार्च करते हुए भारत की तीनों सेनाओं के 241 सदस्यीय दल ने परेड में भाग लिया। भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट के साथ पंजाब रेजिमेंट ने किया। हाशिमारा वायुसेना स्टेशन से 101 स्क्वाड्रन से राफेल लड़ाकू विमान परेड के दौरान ‘फ्लाई पास्ट' का हिस्सा बने। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘हम उन लोगों की स्मृति का सम्मान करते हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांसीसियों के साथ लड़ाई लड़ी थी। हम यह कभी नहीं भूलेंगे।'
प्रधानमंत्री मोदी ने मंच के सामने से गुजरते समय भारतीय दल को सलामी दी, जहां मैक्रों, वह और अन्य गणमान्य व्यक्ति बैठे हुए थे। फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस का फ्रांस के इतिहास में एक विशेष स्थान है क्योंकि यह 1789 में हुई फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल जेल पर हुए हमले की याद दिलाता है। इस समारोह का मुख्य आकर्षण बैस्टिल दिवस परेड होती है। मोदी ने ट्वीट किया, ‘भारत, अपने सदियों पुराने मूल्यों से प्रेरित होकर, इस धरा को शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के 1.4 अरब लोग एक मजबूत और विश्वसनीय भागीदार होने के लिए फ्रांस के हमेशा आभारी रहेंगे। यह संबंध और भी मजबूत हों।' मैक्रों ने एक और ट्वीट किया, ‘विश्व इतिहास में एक दिग्गज, भविष्य में निर्णायक भूमिका निभाने वाला, एक रणनीतिक साझेदार, एक मित्र। हमें अपने सम्मानित अतिथि के रूप में भारत का स्वागत करने पर गर्व है।'
पहले पीएम जिन्हें मिला फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक व सैन्य सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक और सैन्य सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा। मोदी को ‘एलिसी पैलेस' (फ्रांस का राष्ट्रपति आवास) में इस सम्मान से नवाजा गया। इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स (तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स), जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुतरस-घाली को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका है। पुरस्कार यूं तो फ्रांस के नागरिकों को ही प्रदान किया जाता है, लेकिन फ्रांस की सेवा करने वाले या उसके आदर्शों को कायम रखने वाले विदेशी नागरिकों को यह सम्मान दिया जा सकता है।