जींद मंडी में लाखों टन गेहूं पर मंडराया खराब मौसम का खतरा
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 23 अप्रैल
जींद की अनाज मंडी में करोड़ों रुपए कीमत की लाखों टन गेहूं खुले आसमान के नीचे भगवान भरोसे पड़ी है। मंगलवार शाम हुई बारिश और बूंदाबांदी से मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी करोड़ों रुपए कीमत की गेहूं पर खतरे के काले बादल मंडराते रहे। गनीमत यह रही कि बारिश जींद शहर में तो हुई, मगर रोहतक रोड स्थित मंडी में नहीं हुई। मंडी से गेहूं की लिफ्टिंग की स्पीड कम होने से इस तरह की स्थिति पैदा हुई है। मंगलवार दोपहर बाद जींद और आसपास के क्षेत्र में मौसम का मिजाज अचानक बदला। बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बूंदाबांदी और बारिश शुरू हो गयी।
बूंदाबांदी और बारिश के बीच जींद की अनाज मंडी में लगभग 6 लाख बोरी गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ी थी। इसमें ज्यादातर गेहूं उन किसानों की थी, जो मंडी में अपनी फसल डालकर चले गए थे। सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी गई गेहूं भी खुले में पड़ी है।
अनाज मंडी में शेड नहीं
जींद की अनाज मंडी में इस समय किसानों की गेहूं की फसल को बारिश और बूंदाबांदी से बचाने के लिए शेड नहीं है। सरकारी एजेंसियों को भी मंडी से खरीदी गई अपनी गेहूं की बोरियां खुले आसमान के नीचे केवल तिरपाल के सहारे स्टॉक करनी पड़ रही है। उनके लिए भी मंडी में शेड नहीं है।
मंडी में लगे गेहूं के अंबार
जींद की नयी अनाज मंडी में लगभग 6 लाख बोरी गेहूं लिफ्टिंग की इंतजार में है। अभी तक मंडी से लगभग 4 लाख बोरी गेहूं की लिफ्टिंग हुई है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा खरीद एजेंसियों के अधिकारियों को साफ शब्दों में कह चुके हैं कि मंडी से गेहूं की लिस्टिंग में तेजी लाई जाए।
रोहतक (हप्र): हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अनाज मंडियों में लगभग 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं आ चुकी है मगर गेहूं का उठान न होने से लगभग 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों व सड़कों पर पड़ी है। गर्ग ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के गेहूं खरीद, उठान व भुगतान के सभी दावे फेल सिद्ध हुए हैं। सरकार के झूठे व खोखले दावों के कारण किसान व आढ़ती बर्बाद हो रहे हैं।