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वन्य जीव विभाग की टीम ने पकड़ा धान के खेतों में छिपा तेंदुआ

11:13 AM Sep 23, 2024 IST
वन्य जीव विभाग की टीम ने पकड़ा धान के खेतों में छिपा तेंदुआ
पिंजरे में बेहोश पड़ा तेंदुआ, जिसे डाॅक्टरों की निगरानी में छतबीड़ चिडि़याघर ले जाया गया। -हप्र
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मोहाली, 22 सितंबर (हप्र)
कई दिन से मोहाली व उसके आसपास दिखाई दे रहे तेंदुए को वन्यजीव विभाग की टीम ने सुरक्षित पकड़ लिया है। तेंदुए ने पिछले कुछ दिन से मोहाली, मोरिंडा और चमकौर साहिब के कई गांवों में दहशत का माहौल पैदा किया हुआ था।
रोपड़ रेंज के जिला वन अधिकारी कुलराज सिंह ने बताया कि तेंदुए को शनिवार रात को गांव अमराली से रेस्क्यू किया गया है।
तेंदुए की उम्र करीब 6 साल बताई जा रही है। उसे वन्यजीव विभाग की टीम ने ट्रैंक्विलाइजर गन से बेहोश किया, जिसे अब छतबीड़ जू में डॉक्टरों की ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। डॉक्टरों की मंजूरी मिलने के बाद उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ने की योजना है। डीएफओ ने बताया कि यह तेंदुआ रोपड़-चमकौर साहिब-बलाचौर वन्य अभ्यारण्य के जंगलों से भटक कर गांवों तक पहुंच गया था। वन विभाग अधिकारी कुलराज सिंह ने बताया कि यह वहीं तेंदुआ है जो पिछले काफी समय से पटियाला, चमकौर साहिब की सड़कों पर देखा गया था। इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुई थी। उनकी टीमें तेंदुए की तलाश कर रही थीं। शनिवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि गांव हवारा के साथ अमराली में तेंदुए के पैरों के निशान देखे गए हैं, जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने उसे पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया। शनिवार शाम को तेंदुआ धान के खेतों में छिपा हुआ था। रेस्क्यू टीम ने उसे बेहोश करने के बाद पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि तेंदुए ने अब तक किसी भी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया था लेकिन उससे गांव वालों में दहशत का माहौल जरूर था।
मोहाली व चमकौर साहिब के आसपास के गांवों के लोगों ने रात के समय घर से निकलना बंद कर दिया था। वहीं, उनके क्षेत्र में ग्रामीणों ने कई जगह मोर के पंख और कुत्तों के अवशेष पाए, जिससे यह संकेत मिला कि तेंदुए ने इनका शिकार किया होगा।

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"वन्य जीव विभाग की टीम पहले से ही इलाके में गश्त कर रही थी। तेंदुआ टीम को देख कर एक पेड़ से कूदकर धान के खेतों में जा छिपा, जिसे पकड़ने में करीब दो घंटे का समय लगा। धान के घने खेतों में तेंदुए को खोजना काफी मुश्किल था, लेकिन टीम की कड़ी मेहनत के बाद उसे बेहोश कर पकड़ा गया।"
-कुलराज सिंह, डीएफओ वन्यजीव विभाग

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