कांग्रेस सरकार बनने पर ब्याज सहित विकास की कसर पूरी होगी : बागड़ी
रेवाड़ी, 27 फरवरी (हप्र)
शहीद चन्द्रशेखर आजाद के 93वें बलिदान दिवस पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कपिल यादव, अमन कुमार, अजय कुमार ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। विद्रोही ने कहा कि 27 फरवरी 1931 को अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद में अंग्रेजी पुलिस से लड़ते हुए चन्द्रशेखर आजाद ने अंग्रेजी के हाथों पकड़े जाने की बजाय जिस तरह से देश की आजादी के लिए बलिदान किया, वह दुनिया के इतिहास में देश के लिए बलिदान करने की अनोखी घटना है।
उन्होंने अपना बलिदान देकर उस समय के अंग्रेजी साम्राज्य को हिला कर रख दिया था तथा पूरी दुनिया को दिखा दिया था कि भारत के इस वीर क्रांतिकारी में कितना स्वाभिमान व देश की आजादी के लिए जज्बा है। अंग्रेजी पुलिस से लड़ते हुए जब उनके पास गोलियां समाप्त हो गई, तब शहीद आजाद ने अंग्रेजी पुलिस द्वारा पकड़े जाने की बजाय देश पर अपना बलिदान देना उचित समझा।
भिवानी (हप्र) : युवा कल्याण संगठन द्वारा आज तोशाम में चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किसान नेता कमल सिंह प्रधान ने कहा चंद्रशेखर आजाद ने कभी भी अंग्रेजों के अधीनता को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने आखिरी दम तक अंग्रेजों से मुकाबला किया और जब साजिश के तहत अंग्रेजों ने एक पार्क में उन्हें घेर लिया तो अंग्रेजों की गोली से मारने की बजाय खुद की गोली से उन्होंने अपने जीवन लीला को समाप्त किया। उस टाइम उनकी उम्र मात्र 25 साल थी। उनके इस जुनून से सभी नौजवानों को शिक्षा लेनी चाहिए।
इस मौके पर मास्टर तेजवीर सिंह, प्रदीप बिधनोई, दीपक बंसल, सतबीर भुकल, किसान नेता सुरेंद्र पंघाल ओम प्रकाश स्वामी, कमल रंगा, राजेश खरकड़ी, अनिल पंघाल, हरेंद्र नंबरदार आदि उपस्थित थे।
रोहतक (हप्र) : चंद्रशेखर आजाद देश के सच्चे सपूत थे। वे महान क्रांतिकारी व स्वतंत्रता सेनानी के साथ वीरता व अदम्य साहस रखने वाले सिपाही थे। उन्होंने अंग्रेजों की गलत नीतियों के सामने कभी घुटने नहीं टेके और युवाओं को साथ लेकर अंग्रेजों के सामने खुलकर देश को बचाने के लिए लड़े। उक्त विचार जाट कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शबनम राठी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। जाट कॉलेज में शहीद चंद्रशेखर आजाद की 93वीं पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। प्राचार्या डॉ. शबनम राठी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि चंद्रशेखर आजाद हमेशा अपने अंदाज में जीवन जिए और राष्ट्र के नाम खुद को कुर्बान कर दिया। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस अवसर पर डॉ. प्रकाशकौर, डॉ. सुरेश मलिक, दयानंद मलिक, डॉ. अशोक खासा, डॉ. सूर्यप्रकाश, डॉ. मनीषा दहिया सहित सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।