आजादी से पूर्व नाहड़ में बना उप तहसील कार्यालय 1981 तक रहा कायम
तरुण जैन /हप्र
रेवाड़ी, 23 दिसंबर
ब्रिटिश काल में दूजाना-नाहड़ के नवाब मुमताज अली ने सन 1882 में कृषि कर लेने के लिए रेवाड़ी के गांव नाहड़ में तहसीलदार का कार्यालय स्थापित किया गया और बहू परगना भी नाहड़ के साथ जुड़ा हुआ था। सन 1889 में जमीन की मालगुजारी लगान से राशि के रुप में 77170 रुपये प्राप्त हुए थे। दूजाना और नाहड़ में मेडिकल अधिकारी भी मौजूद रहते थे। दूजाना और नाहड़ का पैतृक राज्य पंजाब था, लेकिन राजनीतिक तौर पर दिल्ली डिवीजन कमिश्नर के अधीन थे। इस तहसील के अंतर्गत 100 वर्ग मील का इलाका आता था। जिसमें नाहड़ चौबीसी और 6 गांव दूजाना के मिलाकर कुल 30 गांव शामिल थे। सन 1806 में युसूफजई पठान सैनिक अब्दुस्समद खान को लार्ड लेक ने अपनी जान बचाने के तोहफे के रूप में दूजाना और नाहड़ का पहला नवाब घोषित किया था। इसमें बहू परगना भी शामिल था। इस तहसील की इमारत में अंग्रेज अफसर आकर रुकते थे। आज यह इमारत जर्जर व खंडहर हो चुकी है। इस इमारत में 1981 तक सब तहसील कार्यालय चल रहा था। लेकिन इसके बाद इसे समाप्त कर दिया गया।
दर्जा वापस दिलाने की मांग
नाहड़ की प्राचीन तहसील का ब्योरा देते हुए वरिष्ठ नागरिक व रिटायर्ड शिक्षक डा. जयभगवान भारद्वाज ने कहा कि 90 के दशक में पूर्व विधायक रघुयादव ने रेवाड़ी को जिला बनाओ और नाहड़ को पूर्ण तहसील बनाओ की मुहिम चलाई थी। 1989 में रेवाड़ी जिला बन गया, लेकिन नाहड़ अभी भी पूर्ण तहसील का दर्जा प्राप्त करने का इन्तजार कर रहा है। पटौदी, महम, बेरी सभी नाहड़ के समकालीन सब तहसीलें थीं, जिनको आज उपमंडल का दर्जा मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि नाहड़ ब्लाक समिति कार्यालय भी हरियाणा बनने से पहले का है, जिसमें कभी 72 गांव होते थे।
सीएम के नाम विधायक को सौंपा मांगपत्र
डा. भारद्वाज ने कहा कि आदर्श गांव नाहड़ चौबीसी की जनता ने मुख्यमंत्री के नाम कोसली के विधायक अनिल यादव डहीना को ज्ञापन सौंप कर मांग की गई है कि ऐतिहासिक कस्बा नाहड़ में मिनी सचिवालय एवं पूर्ण तहसील का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जनता दरबार लगाने के लिए कोसली में आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि नाहड़ क्षेत्र की जनता की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में हुए पहले आम चुनावों में तत्कालीन झज्जर-रेवाड़ी लोकसभा क्षेत्र से चुने गए सांसद घमंडी लाल बंसल भी गांव नाहड़ के ही निवासी थे। इस गांव के अनेक वीरों ने देश की खातिर शहादत भी दी है।