For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पत्थर धरा पर लग गया, भवन फाइल में दब गया

10:39 AM Dec 01, 2023 IST
पत्थर धरा पर लग गया  भवन फाइल में दब गया
11 फरवरी 2019 को स्थापित सफ़ीदों के राजकीय नर्सिंग संस्थान के भवन का नींव पत्थर। -निस
Advertisement

रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 30 नवंबर
सफ़ीदों के राजकीय नर्सिंग संस्थान के भवन निर्माण का एस्टीमेट ऐसी फ़ाइल है जिसका जिक्र होने पर संबंधित उच्चाधिकारी बात करने से कतराते हैं। मई 2022 में इसके दो एस्टीमेट तैयार कर इसके निर्माण की जिम्मेदारी की पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन से इसकी फ़ाइल हरियाणा के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) गई थी जिसका आज तक कोई अता-पता नहीं है। इस निदेशालय में कोई अधिकारी इस बारे बात करने को तैयार नहीं। मुख्यमंत्री की वर्ष 2018 की घोषणा पर सफीदों में राजकीय नर्सिंग संस्थान की ‘स्थापना’ करके इसे यहां के राजकीय सरला मेमोरियल महिला महाविद्यालय परिसर में शुरू किया गया था जहाँ आज तक कक्षाएं लगाई जा रही हैं। पालिका ने महिला कॉलेज के पास ही साढ़े चार एकड़ जमीन इस संस्थान के भवन के लिए दी थी। इसके लिए समाजसेवियों की समिति ने एक करोड़ रुपये की राशि भी विभाग को दी थी। लेकिन आज छात्राएं सुविधाओं को तरस गई हैं। हॉस्टल से संस्थान तक व प्रेक्टिकल के लिए अस्पताल तक आने-जाने को बस के लिए परेशान छात्राओं के लिए पिछले दिनों स्वीकृत हुई चार बसों के लिए टेंडर जारी करने की फ़ाइल भी ठंडे बस्ते में है।
पौने पांच साल पहले किया था शिलान्यास
संस्थान के भवन का शिलान्यास मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने 11 फरवरी 2019 को किया था। इसके निर्माण की जिम्मेदारी हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन को सौंपी गई थी जिसके कार्यकारी अभियंता कपिल कुमार ने बताया कि उन्होने मई 2022 में दो एस्टीमेट तैयार कर फ़ाइल अपने मुख्यालय भेजी थी जहां से उनकी कारपोरेशन के एमडी ने यह डीएमईआर को भेज दी थी। एक 41.86 करोड़ का व दूसरा प्रीफेब प्रणाली का 59.22 करोड़ रुपये का था। उन्होंने बताया कि उसके बाद डीएमईआर की तरफ से उनके कार्यालय को कोई सूचना नहीं है। कपिल कुमार ने बताया कि प्रीफेब प्रणाली का ऐसा भवन होता है जिसे कहीं शिफ्ट भी किया जा सकता है।

Advertisement

डीएमईआर में फोन नहीं सुनते, कल्पना चावला मेडिकल कालेज से नहीं मिलता जवाब

सफ़ीदों के संस्थान का प्रशासनिक कार्यभार करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कालेज के निदेशक के पास है। बृहस्पतिवार को इसके निदेशक डाक्टर एमके गर्ग इस बारे बात करने से बचते रहे। घंटों तक बहाना मीटिंग में होने का रहा। एक बार उनके पीए ने फोन सुना, बताया कि निदेशक मीटिंग में हैं। फिर निदेशक के कहने पर कंट्रोलर (फाइनेंस) कृष्णचंद ने कॉल बैक किया। बोले वह तो कुटेल संस्थान का काम देखते हैं और सफ़ीदों के संस्थान के केवल वेतन बिल ही पास करते हैं। उन्होंने बताया कि सफ़ीदों के लिए चार बसों की व्यवस्था बारे भी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement