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प्रदेश में डस रहा डेंगू का डंक, चिकनगुनिया ने भी पसारे पांव

10:26 AM Sep 21, 2023 IST

चंडीगढ़, 20 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के 12 जिलों में आई बाढ़ और बाकी जिलों में हुए जलभराव का असर अब नजर आने लगा है। बारिश जनित बीमारियां पांव पैसार रही हैं। प्रदेश के कई जिलों में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को हाई-अलर्ट पर रखा है। जिला अस्पतालों में इन मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं। अभी तक 800 स्पेशल बेड्स का इंतजाम किया जा चुका है।
सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी इनसे पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सरकार ने सभी जगहों पर प्रोटोकॉल अधिकारी तय किए हैं। साथ ही, प्राइवेट अस्पतालों में प्लेटलेट्स और टेस्ट के लिए रेट तय कर दिए हैं। प्लेटलेट्स चढ़ाने के 11 हजार रुपये और टेस्ट के 600 से अधिक नहीं लिए जा सकेंगे। इससे अधिक वसूली करने वाले प्राइवेट अस्पतालों व लैब के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे रोजाना विभाग के आला अधिकारियों से रिपोर्ट ले रहे हैं। खुद अस्वस्थ होने के बावजूद विज रोजाना कई जिलों के सीएमओ से बातचीत कर रहे हैं। प्रदेश में अभी तक डेंगू की वजह से 4 लोगों की जान जाने की पुष्टि हुई है। जींद, नूंह, गुरुग्राम और पंचकूला में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। वहीं चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, यमुनानगर और झज्जर जिले डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू व चिकनगुनिया के बढ़ते मरीजों के उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में स्पेशल वार्ड बनाए हैं। इन वार्डों में करीब 800 बेड की व्यवस्था की है, जिससे डाॅक्टरों द्वारा डेंगू, जापानी बुखार, मलेरिया व चिकनगुनिया के मरीजों के इलाज का खास ध्यान रखा जा सके। इस बार जापानी बुखार के मरीजों की संख्या पिछले सालों की अपेक्षा काफी कम है। धान की कटाई के दौरान इन मरीजों की संख्या बढ़ने के पूरे आसार हैं।
स्वास्थ्य विभाग की निदेशक जसजीत कौर का कहना है कि इस बार बारिश अधिक हुई। इस वजह से मच्छर अधिक पनपे हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का डर अभी भी बना हुआ है। डेंगू व चिकनगुनिया तथा मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। प्रत्येक सरकारी अस्पताल में प्रोटोकाल अधिकारी व काे-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। पिछले साल 2022 में डेंगू के मरीजों की संख्या 8996 तक पहुंच गई थी। इस बार करीब सवा तीन हजार डेंगू के मरीज अस्पतालों में आ चुके हैं। प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का पूरा डाटा स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंचाया जा रहा है, जिस कारण इनकी संख्या सरकारी कागजों में दर्ज संख्या से अधिक हो सकती है।

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अब तक 152 मरीज अस्पताल पहुंचे

चिकनगुनिया का प्रकोप भी राज्य में बढ़ा हुआ है। पिछले साल 242 चिकनगुनिया के मरीजों के विपरीत इस साल अब तक 152 मरीज अस्पतालों में आ चुके हैं। चिकनगुनिया होने पर मरीज का बुखार तो ठीक हो जाता है, लेकिन जोड़ों में दर्द कई माह तक रहता है, जिस कारण उसका चलना फिरना मुश्किल हो जाता है। सबसे अधिक परेशानी बच्चों और महिलाओं व बुजुर्गों को होती है।

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