प्रदेश सरकार नहीं दे रही अपना शेयर, रुकने की कगार पर रेलवे प्रोजेक्ट
मंडी, 16 अक्तूबर (निस)
हिमाचल में चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट में अपना शेयर न देने के लिए प्रदेश सरकार जानबूझकर अड़ंगे डाल रही है जिससे तेज़ी से तैयार हो रहे ये प्रोजेक्ट अब बंद होने के कगार पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिमाचल में रेलवे नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं जबकि दूसरी ओर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ऐसा रवैया अपना रही है। ऐसे बड़े कार्यों के लिए केंद्र और प्रदेश की हिस्सेदारी रहती है, उसके पश्चात ही रेलवे विस्तारीकरण का कार्य सुचारू होता है लेकिन हिमाचल सरकार इन पैसों को नहीं दे रही है जिस कारण रेलवे लाइन के कार्य में विलंब हो रहा है।
मंडी में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन को 75:25 अनुपात के तहत बनाया जा रहा है। इसमें 75 प्रतिशत भागीदारी केंद्र सरकार की जबकि 25 प्रतिशत प्रदेश सरकार की है लेकिन प्रदेश सरकार अपनी भागीदारी का पैसा नहीं दे रही है। इसके 1441 करोड़ रुपये रेलवे बोर्ड को देने को है।
वहीं, दूसरी तरफ चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन को 50-50 प्रतिशत की भागीदारी में बनाया जा रहा है। इसका पैसा भी राज्य सरकार नहीं दे रही है। इसका भी 185 करोड़ देने को है। जयराम ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार को रेलवे बोर्ड की कुल 1626 करोड़ की देनदारी है और इसके लिए अब बोर्ड के चेयरमैन ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसकी मांग की है। यदि सरकार इस पैसे को नहीं देती है तो प्रदेश में रेलवे लाइन का काम रुक जाएगा।