आपातकाल के दिन याद आते ही कांप उठती है रूह : शिव प्रताप बजाज
यमुनानगर, 26 जून (हप्र)
आपातकाल के दौरान यातनाएं झेल चुके केंद्रीय सनातन धर्म सभा (उत्तरी भारत) के अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता शिव प्रताप बजाज व अन्य ने आज के दिन को काले दिवस के रूप में मनाया। बजाज ने कहा कि उस दौरान बेकसूर लोगों को इस कदर प्रताड़ित किया कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है। वह दिन जब याद आते हैं तो रूह कांप उठती है। छोटा माडल टाउन निवासी 87 वर्षीय शिवप्रताप बजाज ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि उनको व उनके साथी केवल कृष्ण गुप्ता, रोशनलाल दुग्गल, पूर्णचंद चावला, भगत कृष्ण लाल व हकीम मूलचंद को तत्कालीन थाना प्रभारी सुखदेव शर्मा ने यह कहकर थाने में बुलाया कि शहर की कानून व्यवस्था पर चर्चा करनी है। वहां बुलाकर उनको बेइज्जत किया गया। यह आरोप लगाए गए कि आप शहर में अशांति फैला रहे हैं। बिना किसी कागजी कार्रवाई के उनको जेलों में बंद कर दिया गया। बजाज ने बताया कि उनको तिहाड़ जेल दिल्ली में 20 दिन तक रखा गया। जेल से वापस आने के बाद भी कई दिनों तक थाने में बुलाते रहे। मनमर्जी से लाॅकअप में बंद कर दिया जाता था। शिवप्रताप बजाज ने बताया कि पुलिस के साथ-साथ तत्कालीन नगर परिषद अधिकारियों ने भी शहरवासियों को प्रताड़ित करने में कसर नहीं छोड़ी। माडल कालोनी जगाधरी रोड के साथ-साथ ग्रीन पार्क से लेकर शिवाजी चौक व बक्शी आश्चर्य मार्ग तक जबरदस्ती दुकानें बना दी गई। ग्रीन बेल्ट को उजाड़ दिया गया। शहर की लाइटें बंद कर दी गई थीं। सफाई करवाना बंद करवा दिया था।