‘जीवात्मा को पूर्व जन्मों के पुण्य से होती है मानव तन की प्राप्ति’
जगाधरी, 8 दिसंबर (हप्र)
हनुमान गेट स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम में रविवार को साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें साध्वी सुयशा भारती ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवात्मा को परमात्मा की असीम कृपा एवं पूर्व जन्मों के पुण्य फल से मानव तन की प्राप्ति होती है। जन्म एवं मृत्यु के चक्रव्यूह से बाहर निकलने का प्रयास करना ही जीवात्मा का प्रथम कर्तव्य है,लेकिन जो मानव तन परमात्मा की प्राप्ति के लिए मिला था वो ही भक्ति मार्ग की सबसे बड़ी बाधा बन जाता है। मनुष्य अपनी इस नश्वर देह के अहंकार में अपने सृजन कर्ता को भी भूल जाता है।
साध्वी सुयशा भारती ने कहा कि जब हम अपने नश्वर तन की सुंदरता, शक्ति एवं सामर्थ्य का दंभ करते हैं तब हमारे भीतर मिथ्या अभिमान का सृजन होता है जो हमारी अंतरात्मा के पतन का कारण बनता है।
उन्होंने कहा कि मानव तन नश्वर अवश्य हैं ,लेकिन इसे सृष्टि का सिरमौर कहा गया है,क्योंकि इस नश्वर देह में संपूर्ण ब्रह्मांड का सार तत्व समाया हुआ है। हम इस नश्वर देह में रहते हुए उस अलौकिक सत्ता को जान सकते हैं। सत्संग के दौरान साध्वी बहनों ने मधुर भजनों का गायन किया जिन्हें श्रावण कर के संगत भाव विभोर हो उठी।