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सोहना में कांग्रेस का लोकल उम्मीदवार का नारा भी फुस्स

09:20 AM Oct 21, 2024 IST
सोहना में कांग्रेस का लोकल उम्मीदवार का नारा भी फुस्स
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विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम, 20 अक्तूबर
विधानसभा चुनाव में सोहना में कांग्रेस ने लोकल बाहरी का नारा दिया था। अपने आप को लोकल बताया लेकिन वह भी काम नहीं आया। आखिर कांग्रेस के प्रत्याशी रोहताश सिंह खटाना को पिछली बार खुद द्वारा ली गई वोटों के बराबर ही वोट मिले अर्थात उन्हें किसी और का सहारा नहीं मिला।
सोहना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र कुमार भारद्वाज का दावा टिकट का पक्का था। रणदीप सुरजेवाला के समर्थक सतवीर पहलवान भी कहते हैं कि टिकट का दावेदार में था लेकिन आखिर में पार्टी ने रोहताश सिंह खटाना को टिकट दिया। जिन्होंने 2019 में जननायक जनता पार्टी की टिकट पर 46664 वोट प्राप्त किया था और वे 12453 वोटों से भाजपा के संजय सिंह से पराजित हो गए थे। उस समय अवश्य ही भाजपा की लहर थी इससे पहले बार 2014 में रोहताश सिंह खटाना ने 19 983 वोट एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्राप्त किए थे और वह चौथे स्थान पर रहे थे। खुद कांग्रेस प्रत्याशी रोहतास खटाना हर बार अपना वोट प्रतिशत बढ़ते चले गए। इस बार कांग्रेस को भी यही लगा होगा कि रोहतास खटाना पिछली बार से ज्यादा वोट प्राप्त करेंगे। सोहना के लोगों ने पंचायत कर यह मांग की थी कि विधानसभा क्षेत्र के निवासी को ही टिकट मिलेगी तो जीत जाएगा। रोहतास खटाना के पक्ष में यह भी बात रही लेकिन चुनाव परिणाम के बाद यह बात भी धराशाई हो गई। चुनाव में यह नारा चला था कि रोहतास विधानसभा क्षेत्र के हैं और बाकी उम्मीदवार बाहरी। रोहतास खटाना चुनाव हार गए हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी के 2014 में बने भाजपा विधायक लेकिन 2019 में उनकी टिकट काट दी गई थी, तेजपाल तंवर ने 11817 वह वोटों से हराया है। तंवर को 6123 वोट प्राप्त हुए हैं।
भाजपा के फिर से विधायक बने तेजपाल के साथ भी शुरू में चुनाव ठीक नहीं रहा। यहां से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री संजय सिंह बागी हो गए पार्टी की टिकट मांग रहे कल्याण सिंह चौहान और सुभाष बागी हो गए। सुभाष को तो बाद में मन लिया गया। कल्याण सिंह चौहान चुनाव लड़े तथा 21754 वोट प्राप्त किया। भारतीय जनता पार्टी ने बाद में चुनाव परिणाम के बाद हिसाब लगाया कि आखिर उनकी पार्टी के बागी उम्मीदवार कल्याण सिंह चौहान अच्छा रहे चुनाव लड़े और उन्होंने उन वोटो को प्राप्त किया जो उनका टिकट नहीं मिलने से राजपूत समाज के लोग नाराज थे। अच्छा रहा चुनाव लड़े। तो कांग्रेस को वोट नहीं गया ।कल्याण सिंह ने हीं ले लिए। इसी तरह बसपा की उम्मीदवार सुंदर भड़ाना ने भी 15476 वोट प्राप्त कर चुनाव लड़ा है।
सोहना विधानसभा क्षेत्र से 1967 से अभी तक बाहर के उम्मीदवार जाकर चुनाव लड़े । भाजपा के विधायक तेजपाल भी बाहर के हैं लेकिन पड़ोसी हैं पहले सोहना विधानसभा क्षेत्र में ही उनका गांव था लेकिन परिसीमन के बाद भी बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं। भाजपा ने यहां एक सुंदर चाल चली तेजपाल का टिकट काट दिया गया था उन्हें अगली बार टिकट देकर विजई बना दिया है।
जावेद अहमद एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इस बार 49210 वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। उनका और रोहतास का मामूली अंतर है । मात्र 156 वोटो का। विशेषज्ञों का कहना है कि जावेद अहमद ने 2019 में 39886, 2014 में 21791 वोट प्राप्त किया है । वह अपने समर्थक वोटरों मेव समुदाय का ज्यादातर समर्थन प्राप्त करने में कामयाब रहे। कांग्रेस को उम्मीद थी कि जाट मतदाता और मेव मतदाता उसे समर्थन करेगा जैसे की हवा चल रही थी ऐसा कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस को तावडू और सोहना कस्बे से भी काफी उम्मीदें थी। यहां पर भी भाजपा भारी रही है।
जिन परिस्थितियों में मेवात में कांग्रेस लहर के बावजूद पड़ोस के इस सोहना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार तीसरी बार अपना कमल खिलाया है उसे यही उम्मीद लगाई जा रही थी कि इस बार भाजपा विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा क्योंकि पिछली बार मनोहर दो में भी यहां के विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया था और बाद में नायब सिंह के साथ कुछ समय के लिए मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ लेकिन अब यहां के भाजपा वाले भी मंत्री न बनने पर नाराज से नजर आते हैं।

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