षष्ठम्-कात्यायनी
07:37 AM Oct 20, 2023 IST
नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। कत नाम के एक प्रसिद्ध ऋषि के पुत्र ऋिष कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे जिनकी इच्छा थी कि मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म ले। भगवती ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली थी। इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। भक्तगण मां कात्यायनी की आराधना में यह श्लोक पढ़ते हैं।
‘चन्द्र हासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।’
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