मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

पेंशन बहाली के लिए पंचकूला में सीएम आवास का घेराव रद्द

09:04 AM Aug 19, 2024 IST
विजेन्द्र धारीवाल

गुंजन कैहरबा/निस
इन्द्री, 18 अगस्त
विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद विभिन्न कर्मचारी संगठनों के कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं। पुरानी पेंशन की मांग को लेकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति द्वारा पूर्व घोषित एक सितंबर की पंचकूला में रैली और मुख्यमंत्री आवास के घेराव को रद्द कर दिया गया है, लेकिन इसके स्थान पर राज्य के तीन स्थानों पर पेंशन तिरंगा मार्च निकालने की रूपरेखा बनाई गई है।
पेंशन बहाली संघर्ष समिति की रोहतक में प्रदेशाध्यक्ष विजेन्द्र धारीवाल की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक में इन्द्री से प्रधान मामराज, कोषाध्यक्ष इन्द्रवेश व राजकुमार ने हिस्सा लिया। इन्द्री में शाम को आयोजित संघर्ष समिति की बैठक में निर्णयों की जानकारी दी। बैठक में लाभ सिंह, अरुण कुमार, अरुण गांधी, सुनील सिवाच, अजैब सिंह, नरेन्द्र कुमार, राम कुमार सहित अनेक साथियों ने हिस्सा लिया।
पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजेन्द्र धारीवाल व प्रदेश महासचिव ऋषि नैन ने बताया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण 1 सितम्बर के पंचकूला में मुख्यमंत्री आवास घेराव के कार्यक्रम को रद्द करते हुए इसके स्थान पर वैकल्पिक कार्यक्रम तैयार किया गया है, जिसमें प्रदेश के तीन स्थानों पर पेंशन तिरंगा मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि 25 अगस्त को अंबाला मंडल स्तर पर पंचकूला, यमुनानगर, करनाल, कथैल, पानीपत, कुरुक्षेत्र जिलों के कर्मचारी तिरंगा मार्च में हिस्सा लेंगे। 1 सितंबर को हिसार में पेंशन तिरंगा मार्च निकाला जाएगा, जिसमें हिसार, सिरसा, फतेहबाद, भिवानी, जींद, दादरी के कर्मचारी हिस्सा लेंगे। 8 सितम्बर को रोहतक में झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह , महेंद्रगढ़, सोनीपत व रोहतक जिलों के कर्मचारी हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारी जिम्मेदार हैं। आदर्श चुनाव आचार संहिता का पूर्णत: पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के लिए पुरानी पैंशन सबसे बड़ा मुद्दा है। इसलिए कर्मचारियों का नारा है- एक ही मांग एक ही नारा, ओपीएस अधिकार हमारा। पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है। एनपीएस के द्वारा पेंशन का निजीकरण करके कर्मचारियों का अधिकार छीन लिया गया था। अपने अधिकार को प्राप्त करने के लिए कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। चुनावों में प्रदेश के कर्मचारी वोट फॉर ओपीएस मुहिम चलाएंगे और ओपीएस के हक को लेकर एक-एक वोट का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो राजनैतिक दल ओपीएस का समर्थन करेगा, वही कर्मचारियों और उनके परिवारों की वोट लेगा।

Advertisement

Advertisement
Advertisement