‘बीमार’ स्वास्थ्य केंद्र को ‘इलाज’ की दरकार
नरेश कुमार/निस
ऐलनाबाद, 3 जुलाई
राजस्थान बॉर्डर पर स्थित ऐलनाबाद के नाथूसरी चौपटा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में डॉक्टरों, स्टाफ की कमी से 30 गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते दुर्घटना या गंभीर चोट के मामलाें में मरीज को सिरसा रेफर करना पड़ता है।
केंद्र में 35 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 20 पद खाली पड़े हैं। यहां के लोग स्वास्थ्य केंद्र को रेफर केंद्र के नाम से पुकारने लगे हैं। उनका कहना है कि अस्पताल खुद बीमार है और इसको इलाज की दरकार है।
गौरतलब है कि नाथूसरी चौपटा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दड़बाकलां, रंधावा, डिंग, जमाल, कागदाना आते हैं और इन केंद्रों पर वर्तमान की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए जाने का दावा कर रही हैं, लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रो पर डॉक्टरों, फार्मासिस्ट, दंत रोग विशेषज्ञ, एमपीएचएस महिला, पुरूष सहित कई पद रिक्त पड़े हुए है।
स्वास्थ्य केंद में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद पर सिरसा के डिप्टी सीएमओ को अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। सीएचसी व पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में फार्मासिस्ट की सभी पोस्ट खाली हैं। चाेपटा सीएचसी में डॉक्टरों के 7 पद स्वीकृत हैं लेकिन यहां सिर्फ 2 चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे हैं।
पूरे सिरसा जिले में परिवार नियोजन के लिए केवल पांच ही सर्जन है, 3 सिरसा के नागरिक अस्पताल, एक ऐलनाबाद, एक डबवाली में सेवाएं दे रहे हैं। मेडिकल अधिकारी और अन्य स्टाफ के अभाव में लोगों को कहां से बेहतर सुविधा मिलेगी। जबकि सीएचसी में विभिन्न रोगों का उपचार कराने के लिए प्रतिदिन सैंकड़ों मरीज आते हैं।
नसबंदी और नलबंदी के ऑप्रेशन नहीं हो रहे हैं, जिससे लोगों को सिरसा व ऐलनाबाद जाना पड़ता है।
समय पर ड्यूटी नहीं आते कर्मचारी
शिवशंकर, महेंद्र सिंह, सुनील कुमार का कहना है कि यहां के कर्मचारियों ने खुद के कायदे-नियम बना रखें है। नाथूसरी चौपटा के स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी का समय 9: 00 से 4:00 बजे व तो लंच का समय 1:30 से 2:00 बजे समय निर्धारित हैं, लेकिन यहां कर्मचारी अपनी मर्जी से ड्यूटी करते हैं।
जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पावर कट की स्थिति में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद में जनरेटर नहीं चलाया जाता, जिससे गर्मी की हालत में गायनी वार्ड में महिलाओं और नवजात की सुध लेने वाला कोई नहीं होता।
डिप्टी सीएमओ बोले
सिरसा नागरिक अस्पताल के डिप्टी सीएमओ राजेश चौधरी ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद चौपटा में सिर्फ 2 चिकित्सा अधिकारी हैं। मरीजों को परेशानी न हो इसलिए स्वास्थ्य कर्मचारी अलग-अलग समय लंच करने जाते हैं। इसके अलावा बजट सीमित होता है, इसलिए जनरेटर भी कम चलाया जाता है।